परीक्षा देने के बाद थक कर चूर हुए छात्र, कोई सोया सीढ़ियो पर तो कोई प्लेटफ़ॉर्म पर।
संवाददाता।
कानपुर। नगर में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा के दूसरे दिन एक भी सेंटर पर कोई सॉल्वर या सेंधमारी करते नहीं पकड़ा गया। पहले दिन पुलिस और एसटीएफ की सख्ती देखकर परीक्षा में सेंधमारी करने की कोशिश करने वाले भाग खड़े हुए। पहली पाली की परीक्षा शांतिपूर्वक हो गई। दूसरी पाली की परीक्षा के लिए कानपुर के 110 केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा के बीच अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया जा रहा है। पहली पाली की परीक्षा छूटने के बाद बस अड्डे और रेलवे स्टेशन पर छात्रों को ट्रेन पकड़ने में पसीने छूट गए। कानपुर के 110 केंद्रों पर दूसरे दिन रविवार को यूपी पुलिस परीक्षा चल रही है। इसमें करीब 1 लाख 12 हजार अभ्यर्थियों को शामिल होना है। देर रात से कानपुर सेंट्रल स्टेशन और बस अड्डे पर हजारों की संख्या में अभ्यर्थी पहुंच गए। हालात ये हो गए कि बस अड्डे और रेलवे स्टेशन पर पैर रखने तक की जगह नहीं बची। गिरते-पड़ते अभ्यर्थी अपने परीक्षा केंद्र पर पहुंचे तो कइयों की अव्यवस्था के चलते परीक्षा छूट गई। पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने बताया कि कानपुर के 110 सेंटर्स पर कड़ी सुरक्षा में पुलिस भर्ती परीक्षा चल रही है। प्रत्येक केंद्र पर कड़ी सुरक्षा के बीच परीक्षा चल रही है। अभ्यर्थियों की जांच पड़ताल के बाद प्रवेश दिया जा रहा है।यहां तक की मेटल डिटेक्टर से एक-एक अभ्यर्थी की चेकिंग की जा रही है। इससे अगर अभ्यर्थी के पास कोई डिवाइस भी होगी तो वह पकड़ जाएगा। परीक्षा में किसी भी तरह से सेंधमारी की कोशिश करने वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करके जेल भेज दिया जाएगा। पहली पाली की परीक्षा छूटने के बाद कानपुर सेंट्रल स्टेशन और झकरकटी बस अड्डे पर हजारों की संख्या में अभ्यर्थी पहुंच गए। टाटमिल से लेकर अफीमकोठी तक भीषण जाम लग गया। उधर रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर इतनी भीड़ हो गई कि पैर रखने तक की जगह नहीं बची। दोपहर बाद भी स्टेशन पर भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही थी। परीक्षा देने आए अभ्यर्थियों को ट्रेन और बस पकड़ने में पसीने छूट गए। कानपुर सेंट्रल स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेनों का आलम यह रहा कि स्लीपर और एसी कूपों पर भी अभ्यर्थियों का कब्जा हो गया। जिन लोगों को रिजर्वेशन था वह ट्रेन के पास तक पहुंच नहीं सके। कई परिवार तो सेंट्रल स्टेशन पर भीड़ देखकर ही लौट गए। आम आदमी को पुलिस भर्ती परीक्षा के पहले और दूसरे दिन ट्रेन में चढ़ने की तो बात छोड़िए प्लेटफॉर्म तक पहुंचने की जगह नहीं मिली। रेलवे की पूरी व्यवस्था बेपटरी हो गई।