September 8, 2024

संवाददाता।
कानपुर। उत्तर प्रदेश में ठंड का दौर अब लगभग खत्म हो चुका है। गर्मी की शुरुआत हो गई है। कानपुर में सीजन में पहली बार दिन का पारा 30.4°C रिकॉर्ड किया गया। यह पारा फरवरी में अब तक का सबसे ज्यादा था। यह प्रदेश में सबसे ज्यादा रहा है। हालांकि, सुबह और शाम के वक्त हल्की सर्दी पड़ रही है। 24 घंटे में मुजफ्फरनगर का न्यूनतम तापमान 8.2 डिग्री रिकॉर्ड हुआ, जो प्रदेश में सबसे कम रहा। गाजीपुर का न्यूनतम तापमान 14.5 डिग्री दर्ज हुआ, ये प्रदेश में सबसे अधिक है। अगले 48 घंटों तक मौसम में गर्मी के तेवर हावी रहेंगे। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 5 से 6 दिन में पारा 35°C तक पहुंच जाएगा। आईएमडी के मुताबिक, प्रदेश में 19 और 20 फरवरी को फिर से बादल छाएंगे। यह बादल घने होंगे। हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। यह तीसरा मौका होगा, जब फरवरी में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है। पश्चिमी यूपी में 25 से 30 मिमी. तक बारिश का अनुमान है। इसका असर लखनऊ, कानपुर और बाराबंकी तक हो सकता है। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि तापमान के उतार-चढ़ाव का फसलों पर असर पड़ना शुरू हो गया। खासकर चना और सरसों की फसल प्रभावित होने लगी है। चना में फली छेदक कीट लगने लगा तो सरसों में माहू की समस्या शुरू हो गई है। अगर तापमान में ऐसा ही उतार-चढ़ाव बना रहा तो सरसों सर्वाधिक प्रभावित हो सकती है। आलू और टमाटर अभी भी खेतों में हैं। उसमें झुलसा रोग लगने लगने के आसार हैं।मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि चने की फसल में फली छेदक कीट पनपने लगा है। मौसम के बदलाव का असर इसमें दिखने लगा है। सीएसए के फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ. अजय कुमार सिंह के मुताबिक इससे बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है। चने की फसल में फली छेदक कीट का नियंत्रण समय पर नहीं किया जाता है, तो पैदावार में लगभग 50 से 60% तक का नुकसान हो जाता है। कानपुर की सीएसए यूनिवर्सिटी के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय के मुताबिक, उत्तरी हरियाणा और आसपास के क्षेत्रों पर चक्रवाती हवाएं समुद्र तल से 1.5 से 3.1 किमी ऊपर हैं। ये UP में 19 फरवरी तक आने के बाद बारिश कराएंगी। उत्तर पश्चिमी सर्द हवाएं अंधड़ (सरफेस विंड) की तरह चलती रहेंगी। 

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