संवाददाता।
कानपुर। नगर के नरवल तहसील क्षेत्र के अंतर्गत जनसुनवाई पोर्टल पर तहसील से फाइल गायब होने की शिकायत पर कानपुर डीएम विशाख जी ने तत्कालीन तहसीलदार के पेशकार अनुज त्रिपाठी को निलंबित कर दिया है। जांच अधिकारी अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व की संस्तुति पर ये कार्रवाई की गई। नरवल तहसील से फाइल गायब हुए 10 महीने से अधिक होने पर भी पेशकार के खिलाफ कोई कार्रवाई न किए जाने पर शासन ने नाराजगी जताई थी। फाइल गुमशुदगी की रिपोर्ट नरवल थाने में दर्ज है। जानकारी के अनुसार चकेरी निवासी महेश वर्मा ने आइजीआरएस पोर्टल व तहसील संपूर्ण समाधान दिवस में 10 महीने पहले तहसीलदार न्यायालय से सत्यवती वर्मा बनाम उत्तर प्रदेश सरकार की धारा-67 (प्रतिकर की वसूली) की फाइल गायब हो जाने की शिकायत की थी।इसके बाद मामले की जांच अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को दी गई थी। इससे पहले उप जिलाधिकारी नरवल की जांच में पेशकार अनुज त्रिपाठी को दोषी पाए गए थे। हालांकि फाइल अभी तक नहीं मिल पाई है। इसके बाद सीएम योगी ने आइजीआरएस में दर्ज शिकायतों की समीक्षा में इस मामले में कार्रवाई न होने की स्पष्टीकरण मांगा था। पीड़ित महेश वर्मा ने बताया कि राजस्व ग्राम घुरवाखेड़ा में बिना बिन्दु, सिहददा फिक्स किए मात्र 50 वर्ग मीटर भूमि पर अवैध कब्जे की रिपोर्ट दाखिल की गई थी। जबकि 3090 वर्ग मीटर जमीन सत्यवती वर्मा की है। बिना लंबाई चौड़ाई दर्शाए 2 अक्टूबर 2022 को निर्माण गिराते हुए 1000 वर्ग मीटर से अधिक भूमि पर सनिगवां के काश्तकारों को लाभ पहुंचाया गया। तत्कालीन उप जिलाधिकारी आयुष चौधरी के इशारे पर रकबा कम हो जाने के कारण तहसील नरवल में चाट बंदी का वाद दाखिल करना पड़ा, जो कि लम्बित है। उच्च न्यायालय में भी न्याय पाने की मंशा से वाद दाखिल किया गया जो कि विचाराधीन है। 14 दिसंबर को उच्च न्यायालय ने उक्त वाद में सुनवाई करते हुए दो सप्ताह में पत्रावली तलब किया है। इस सम्बंध में उपजिलाधिकारी नरवल ऋषभ वर्मा ने बताया कि अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व की जांच में पेशकार पर फाइल गायब करने के आरोप सही मिले है। उनकी संस्तुति पर पेशकार अनुज त्रिपाठी को निलंबित कर दिया गया है। विभागीय कार्रवाई की जा रही है।