संवाददाता।
कानपुर। नगर में डिफेंस कॉरिडोर के तहत पहली आयुध फैक्ट्री बनकर तैयार हो गई है। कानपुर के साढ़ में अडाणी समूह ने एशिया की सबसे बड़ी प्राइवेट सेक्टर में आयुध फैक्ट्री तैयार की है। इसकी पहली यूनिट में उत्पादन मार्च में शुरू हो सकता है। वहीं माना जा रहा है कि कानपुर दौरे पर फरवरी में आ रहे पीएम नरेंद्र मोदी इसका लोकार्पण कर सकते हैं। अडाणी डिफेंस कानपुर में अगले माह गोला-बारूद बनाने के अपने मेगा प्लांट का साढ़ में उद्घाटन करने जा रहा है। इसके लिए प्लांट में मशीनरी स्थापित की जा चुकी है। इस प्लांट को दक्षिण एशिया क्षेत्र में अपने तरह का सबसे बड़ी एकीकृत सुविधा वाला प्लांट माना जा रहा है। नौसेना को हाल में पहला स्वदेश निर्मित ड्रोन सौंपने के बाद अडाणी डिफेंस का यह प्लांट रक्षा क्षेत्र में देश की आत्मनिर्भरता के लिए बड़ा कदम है। अडाणी समूह शुरुआत में 1500 करोड़ रुपए के निवेश की योजना को अंतिम रूप दे चुका है। इस प्लांट में मुख्य रूप से 7.62 और 5.56 मिमी. कैलिबर की गोलियों का उत्पादन किया जाएगा। इन गोलियों का दुनिया भर की असॉल्ट राइफलों और कारबाइन में इस्तेमाल किया जाता है। दुनिया में चल रहे युद्धों को देखते हुए घातक हथियारों की मांग दुनिया में तेजी से बढ़ी है। जानकारी के मुताबिक इस स्थिति को देखते हुए अडाणी डिफेंस जल्दी ही साढ़ प्लांट का विस्तार करने की भी योजना बना रहा है। इसके लिए 500 एकड़ जमीन अलग रखी जाएगी और 155 मिमी. तोपखाने के गोले सहित बड़े कैलिबर गोला-बारूद का उत्पादन किया जाएगा। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद दुनिया भर में इस तरह के गोले की बड़ी मांग है। अडानी डिफेंस ने साढ़ में प्लांट स्थापित करने के लिए जून 2022 में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करते हुए कहा था कि यह प्लांट 1500 से अधिक युवाओं को रोजगार देगा। वहीं कानपुर डीएम विशाख जी के मुताबिक प्लांट की पहली यूनिट तैयार हो चुकी है। प्रशासनिक सहयोग पूरा दिया जा रहा है। देश में कुछ वर्ष पहले तक गोला-बारूद के उत्पादन का बड़ा हिस्सा आयुध फैक्ट्रियों में ही तैयार होता था। कानपुर में पांच आयुध फैक्ट्रियां हैं, जिनमें दो इकाइयां गोला-बारूद उत्पादन की क्षमता रखती हैं। लेकिन आठ वर्ष पहले नीति बदलते हुए केंद्र सरकार ने निजी क्षेत्र को गोला-बारूद उत्पादन के क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया था।