संवाददाता।
कानपुर। नगर में ठंड का कहर दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में लोगों का दिल धोखा दे रहा है। भीषण ठंड के कारण कार्डियोलॉजी अस्पताल में मरीजों की संख्या दोगुनी पहुंच गई है। वहीं, डॉक्टर ने भी सचेत रहने की सलाह दे रहे है, जिसने भी ठंड में लापरवाही की उसको हार्ट अटैक की समस्या हो रही है। अस्पताल के निदेशक डॉ. राकेश कुमार वर्मा ने बताया कि इन दिनों लोगों की नसें सिकुड़ने लगती है। ऐसे में रक्त का दौड़ान जब पूरी तरह से नहीं हो पता है तो हार्ड काम करना बंद कर देता है। कार्डियोलॉजी अस्पताल की इमरजेंसी में आम दिनों में लगभग 60 से 80 मरीज रोज पहुंचते थे, लेकिन इन दिनों यह आंकड़ा 150 के पार पहुंच चुका है। रोजाना यहां पर दिल की समस्या को लेकर मरीज बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। बीते 24 घंटे की बात करें तो डेढ़ सौ से अधिक मरीज इमरजेंसी में आ चुके हैं। इनमें से 80 मरीजों को भर्ती किया जा चुका है। डॉ. राकेश कुमार वर्मा ने बताया कि अटैक की समस्या 22 साल से अधिक हर उम्र के लोगों में देखने को मिल रही है। इस ठंड में जो सबसे ज्यादा बाहर रहता है उसे दिल की समस्या हो सकती है। युवा अधिकतर ठंड में बाहर काम करते रहते हैं। इसलिए इन दिनों 22 साल से लेकर 50 साल तक के लोगों में अटैक की संभावना अधिक देखने को मिलती है या फिर यह समस्या उनमें आ रही है जो बहुत ही बुजुर्ग है। डॉ. राकेश कुमार वर्मा के मुताबिक जब-जब ठंड पड़नी शुरू होती है तो शरीर की नसें धीरे-धीरे सिकुड़ने लगती है, तो खून का दौड़ान कम होने लगता है। ऐसे में दिल को अधिक प्रेशर के साथ खून का दौड़ान करने के लिए काम करना पड़ता है। जब हार्ड अपनी क्षमता से ज्यादा काम करता है तो ऐसे में अटैक पढ़ने की संभावना अधिक होती है। यह समस्या उन लोगों में ज्यादा होती है जो की शुगर, बीपी, सांस के मरीज होते हैं। जब-जब नसे सिकुड़ती है तो ऐसे में बीपी और शुगर बढ़ने लगता है और जब बीपी और शुगर बढ़ता है तो ऐसी स्थितियों में हार्ट को और अधिक काम करना पड़ता है। इस कारण शुगर और सांस के मरीजों में जल्दी अटैक पढ़ने की संभावना होती है। तो इस सर्दी में इन लोगों को खास बचाव करने की जरूरत होती है। आज के समय में युवाओं में शुगर की समस्या अधिक देखने को मिल रही है। डॉ. राकेश कुमार वर्मा ने बताया कि यदि आपकी जीवन शैली खराब है तो इसका असर दिल पर पड़ता है। जरूरी नहीं की ठंड से ही हार्ट अटैक पड़े। आप अपनी जीवन शैली में सुधार लाकर अपने दिल को मजबूत कर सकते हैं। स्मोकिंग करना, तंबाकू का सेवन करना, शराब पीना, मानसिक तनाव लेना जैसी समस्याओं से भी अटैक पड़ने की संभावना होती है। इसलिए अपनी जीवन शैली को सुधार लें तो 50% से भी ज्यादा अटैक की समस्या से आप दूर हो सकते हैं।