संवाददाता।
कानपुर। फरार भाजपा नेता आशु दिवाकर की मां का रविवार को निधन हो गया था। इससे 8 घंटे पहले मां उर्मिला रंजन ने बेटे आशु दिवाकर के लिए वीडियो रिकॉर्ड किया था। इसमें उन्होंने कहा, “बेटा आशु तुम्हारे 16-17 साल के राजनीतिक करियर में कोई उंगली नहीं उठा पाया। ये तो राजनीतिक षड्यंत्र हैं।शासन-प्रशासन पर भरोसा रखिए। सब ठीक हो जाएगा। हम लोगों का स्वास्थ्य अच्छा नहीं है, कोई देख-रेख करने वाला नहीं है। तुम जल्दी से जल्दी हाजिर हो जाओ बेटा, सब ठीक हो जाएगा। भगवान की कृपा से तुम जल्दी से जल्दी आ जाओ।” इस वीडियो को रिकॉर्ड करने के कुछ घंटे बाद ही आशु की मां का निधन हो गया। आशु दिवाकर मां के अंतिम संस्कार में शामिल हो सकते हैं। इसे लेकर चकेरी पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम अलर्ट मोड पर आ गईं हैं। बीते शनिवार को कोर्ट ने 82 की कार्रवाई का नोटिस जारी किया था। मां की मौत के बाद अब परिवार भी खुलकर सामने आ गया है। आशु की भाभी रेनु रंजन ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस एकतरफा कार्रवाई कर रही है। घर के अंदर पुलिस वाले बैठे रहते हैं। परिजनों से मारपीट तक करते हैं। रोते हुए कहा कि आशु पर एकतरफा ट्रायल होने के चलते मां का निधन हो गया। वो बेहद तनाव के दौर से गुजर रही थीं। वो ये सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकीं। भाभी ने रोते हुए आगे कहा कि किसान बाबू सिंह की हत्या की गई है। उन्होंने सुसाइड नहीं किया है। किसान के सुसाइड नोट में उनके साइन तक मैच नहीं हो रहे हैं। पुलिस ने सुसाइड नोट की जांच करना तक जरूरी नहीं समझा। सपा नेता नरेंद्र यादव ने किसान की जमीन को 10 से 12 साल तक कब्जा किया हुआ था। किसान बाबू सिंह मदद के लिए आशु दिवाकर के पास आए थे। लेकिन उन्हें ही फंसा दिया गया। इसकी जांच होनी चाहिए थी। आशु की भाभी ने कहा कि आशु को जब तक बेल नहीं मिलेगी, तब तक परिवार मां का अंतिम संस्कार नहीं करेगा। इसको लेकर पुलिस भी सतर्क हो गई है। आशु के आने के कयासों को लेकर घर के बाहर सिविल ड्रेस में पुलिस और क्राइम ब्रांच की 20 से ज्यादा टीमें तैनात की गई हैं। शनिवार को पुलिस को सीएमएम कोर्ट से आशु के खिलाफ 82 की कार्रवाई का आदेश मिला। कोर्ट के आदेश के बाद आशु को फरार घोषित कर दिया गया है। रविवार को आशु के घर पर इसकी मुनादी करानी थी। लेकिन मां के निधन की सूचना के बाद पुलिस ने मुनादी नहीं कराई। वहीं, आशु की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने प्रयास तेज कर दिए हैं।अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में शपथपत्र दिया था कि माइनर हार्ट अटैक के बाद आशु कानपुर में ही रिजेंसी और फॉर्च्यून अस्पताल में अपना इलाज करा रहा था। पुलिस ने अस्पतालों में जांच की तो पता चला कि इन अस्पतालों में आशु ने कोई इलाज नहीं कराया। इस पर पुलिस आशु के खिलाफ एक और एफआईआर या दर्ज एफआईआर में ही धाराएं बढ़ा सकती है।