October 18, 2024

संवाददाता।
कानपुर। नगर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, का वार्षिक उत्सव ‘तरंग’ का आगाज मंगलवार को हुआ। मेडिकल कॉलेज के खेल मैदान में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इसमें मेडिकल के छात्र-छात्राओं ने विभिन्न तरह के मॉडलों की प्रस्तुति दी। अलग-अलग स्टॉल लगाकर उन्होंने बॉडी के हर हिस्से के बारे में लोगों को विस्तार से बताया। शरीर के अंदर की चीज किस तरह से काम करती हैं और उन्हें कैसे हम मजबूत रख सकते हैं। इन सब के बारे में जानकारियां दी गई।मेडिकल छात्रों ने सर्जरी, मेडिसिन, कार्डियो, दांत रोग, आंखों समेत 25 विभागों की प्रदर्शनी लगाई। प्रदर्शनी में आने वाले लोगों को बताया गया कि किस तरह से आपका हार्ड काम करता है और यह हार्ड किस-किस चीजों से जुड़ा हुआ है। इसी तरह मेडिसिन विभाग के छात्र-छात्राओं ने बताया कि आपके फेफड़े, किडनी, लिवर किस तरह से काम करते हैं। प्रदर्शनी में आने वाले लोगों ने यह भी जाना की एक्स-रे मशीन किस तरह से काम करती है। एमआरआई मशीन का क्या काम है और किस तरह से यह बीमारी को खोज लेती है। अन्य मशीनों के बारे में भी जानकर लोग काफी उत्साहित दिखे। कानपुर मेडिकल कॉलेज की तरफ से शहर के सभी इंटर स्कूलों को इस प्रदर्शनी के लिए आमंत्रित किया गया था। पहले दिन प्रदर्शनी को देखने के लिए लगभग 15 स्कूलों के बच्चे पहुंचे। यह वार्षिक उत्सव अभी चार दिनों तक चलेगा। इसमें अलग-अलग तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम के प्रभारी प्रोफेसर जीडी यादव ने बताया कि प्रदर्शनी में रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया था, जिसमें लगभग 25 यूनिट रक्तदान हुआ है। कार्यक्रम के दूसरे दिन यानी बुधवार को पौधारोपण, नुक्कड़ नाटक, समारोह का उद्घाटन और फैशन शो का आयोजन किया जाएगा। गुरुवार को फाइन आर्ट प्रतियोगिता, साहित्य प्रतियोगिता, सांस्कृतिक कार्यक्रम व रॉक नाइट का आयोजन होगा। शुक्रवार को फाइन आर्ट प्रतियोगिता, साहित्य प्रतियोगिता और सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ-साथ मिस्टर और मिसेस तरंग का चयन किया जाएगा। कार्यक्रम के पहले दिन भी डॉक्टरों की टीम ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को जागरूक किया। नुक्कड़ नाटक में बताया गया कि अगर कोई बीमारी है तो उसे डॉक्टर से परामर्श लेकर इलाज समय पर शुरू कर देना चाहिए ना कि बाबा और तांत्रिक के चक्कर में पढ़ना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने दूसरे नाटक के माध्यम से बताया कि एक बच्चे के लिए मां का दूध कितना जरूरी होता है। 

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