संवाददाता।
कानपुर। नगर के एक क्रिश्चियन स्कूल की टीचर ने छात्र पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया। पेरेंट्स का कहना है कि उन्हें बेटे के मोबाइल में टीचर के साथ अश्लील चैट मिली हैं। टीचर ने बेटे का ऐसा ब्रेनवॉश किया कि अब वह पूजा नहीं करता। टीचर ने उसकी चोटी भी काट दी है। मगर, पेरेंट्स की शिकायत के बावजूद स्कूल मैनेजमेंट ने कोई एक्शन नहीं लिया। इसके बाद मामला अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं तक पहुंचा। तब उन्होंने सोमवार को माल रोड स्थित बीएनडी कॉलेज से जुलूस निकाला। हालांकि, कैंट इलाके में पहुंचने पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस पर कार्यकर्ता स्कूल से कुछ दूरी पर ही सड़क पर बैठ गए और प्रदर्शन किया। करीब 4 घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद स्कूल प्रशासन ने टीचर को सस्पेंड कर दिया। हालांकि, इस मामले में पुलिस ने अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की है। छात्र कैंट स्थित क्रिश्चियन स्कूल में 10वीं में पढ़ता है। उसके पिता का आरोप है कि टीचर ने बेटे को प्रेम जाल में फंसाया और फिर उसका माइंडवॉश कर उसका धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास किया। एक दिन बेटा अकेले कमरे में बैठकर मोबाइल पर चैटिंग कर रहा था, तभी मैंने उसका मोबाइल छीन लिया और देखा तो वह एक महिला से बातें कर रहा था। उसमें अश्लील चैटिंग पड़ी हुई थी। टीचर की कुछ तस्वीरें भी पड़ी थीं। जब मैंने बेटे से महिला के बारे में पूछा, तो उसने बताया कि यह क्लास की टीचर है। पिता का आरोप है कि जब घर में पत्नी भगवान की पूजा के समय घंटी बजाती थी। तब बेटे को बहुत तकलीफ होती थी। वह धीरे-धीरे धर्म अध्यात्म से दूर हो रहा था। न ही वह पूजा में हिस्सा लेता था। जब बेटे से पूछा गया, तो उसने बताया कि 4 महीने पहले टीचर ने उसको मिलने के लिए चर्च के पास बुलाया। वहां बातचीत के दौरान उसकी चोटी काट दी। पिता ने बताया कि जब स्कूल में इस बात की शिकायत की, तो टीचर ने कहा कि बच्चे ने मेरा मोबाइल हैक कर लिया था। उसने खुद से यह मैसेज और फोटो ले ली है। इसके बाद हमने कैंट थाने में टीचर के खिलाफ तहरीर दी। इसके साथ ही मोबाइल के सारे सबूत भी पुलिस को सौंपे। पिता ने बताया कि इसके बाद पुलिस ने कई बार थाने बुलाकर स्कूल वालों से बातचीत कराई। थाने में वह अकेले और स्कूल की तरफ से कई शिक्षक आए थे। जिन्होंने मेरे ऊपर दबाव बनाकर मामले को दबाने का प्रयास किया। इसके बावजूद पुलिस मुकदमा नहीं दर्ज कर रही है, जबकि फोटो वीडियो और चैट से साफ समझ में आ रहा है कि टीचर ने बेटे को प्रेम जाल में फंसाया है। इसके बावजूद पुलिस और सबूत मांग रही है। इसके बाद यह मामला अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद तक पहुंचा। इसके बाद सोमवार को एबीवीपी के कार्यकर्ता बीएनडी कॉलेज पर एकत्र हुए। यहां पर पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई। कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब सारे सबूत पिता ने दिए हैं, तो टीचर पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है? इस पर पुलिस ने कहा कि अभी जांच चल रही है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। कार्यकर्ता अपनी बात पर अड़े रहे और उन्होंने जुलूस निकालकर जैसे ही स्कूल की तरफ बढ़े और कैंट क्षेत्र में प्रवेश किया, तो वहां पर आर्मी और पुलिस वालों ने मिलकर उन्हें रोक दिया। कार्यकर्ताओं ने पुलिस के सामने मांग रखते हुए कहा कि स्कूल मैनेजमेंट द्वारा धर्मांतरण कराने के मामले का हाईलेवल जांच होनी चाहिए। शिक्षिका ने छात्रा से जो अश्लील चैट किए हैं,उसकी भी जांच होनी चाहिए, ताकि भविष्य में किसी बच्चे के साथ ऐसा न हो। इस मसले पर एबीवीपी कानपुर प्रांत के महानगर मंत्री मयंक पासवान ने बताया, ”विद्यार्थी परिषद का एक प्रतिनिधित्व मंडल जब इस मामले की जानकारी के लिए स्कूल पहुंचा, तो वहां पर सोशल साइंस की किताब में बने सभी महापुरुषों की फोटो और उनके चैप्टर पर एक बड़ा सा क्रॉस का निशान बना था। जब इसके बारे में स्कूल के फादर से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यह चैप्टर पढ़ाए नहीं जाने हैं, क्योंकि यह चैप्टर परीक्षा में पूछे नहीं जाते हैं। इसीलिए इनमें क्रॉस का निशाना बनाया गया है। विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने बताया कि जब वह स्कूल में फादर से बातचीत करने गए, तो वहां मौजूद किसी भी बच्चों के हाथ में कलावा और माथे पर टिका तक नहीं था। इसके बारे में जब बच्चों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यहां पर यह सब चीज प्रतिबंधित हैं।