संवाददाता।
कानपुर। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के स्कूल आफ आर्ट्स ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज में राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर शुक्रवार को संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें सहसंयोजक के रूप में ऑल इंडिया वुमेन कॉन्फ्रेंस कानपुर चैप्टर ने सहयोग किया। इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद जी के जन्मोत्सव को भी मनाया गया। कार्यक्रम की संयोजक डॉ. किरन झा ने स्वामी विवेकानंद जी के पांच सूत्र वाक्य के विषय में बताते हुए छात्राओं को आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता, आत्म संयम, आत्मज्ञान तथा आत्म त्याग में विश्वास रखने के लिए प्रेरित किया। साथ ही यह भी कहा अगर आप भारत को जानना चाहते हैं तो विवेकानंद जी का अध्ययन कीजिए उनके विचारों में सब कुछ सकारात्मक है नकारात्मक कुछ भी नहीं। इस अवसर पर विद्यापीठ के निदेशक डॉ प्रशांत ने विवेकानंद जी के दर्शन पर वेदांत के प्रभाव पर चर्चा किया और बताया कि हम लोगों के अंदर ब्रह्म का अंश है जो हमें शक्ति प्रदान करता है। समाज विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रो. संदीप कुमार सिंह ने विवेकानंद जी के द्वारा बताए हुए रास्तों पर चलने की वकालत की और छात्राओं को उचित मार्गदर्शन देते हुए बताया कि यदि आप भविष्य में अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं तो स्वामी विवेकानंद जी के दर्शन को आपको जाना आवश्यक है।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रूद्र योगी ने भागवत गीता के कर्म सिद्धांत को स्वामी विवेकानंद जी के दर्शन से जोड़ते हुए कर्म और क्रिया में अंतर को स्पष्ट किया। साथ ही उन्होंने कहा उठो जागो और लक्ष्य की प्राप्ति तक मत रुको। ऐसा बताते हुए उन्होंने यह बताया कि नास्तिक वह है जो सकारात्मक विचारों से परे हो। इसके साथ ही अनुशासित जीवन जीने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश श्रोताओं को देते हुए उन्होंने विवेकानंद जी के जीवन पर संक्षिप्त रूप से प्रकाश डाला।