संवाददाता।
कानपुर। जेल में बंद सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई को हाईकोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली है। दोनों के खिलाफ कोर्ट में चल रही कई बिंदुओं पर कार्रवाई को रोकने के लिए उनके अधिवक्ता ने याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने सिर्फ सीडीआर मामले में दोबारा सुनवाई का आदेश दिया है। कानपुर के सीसामऊ से समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में नजीर फातिमा की हैंड राइटिंग मिलान और सीडीआर सुरक्षित मामले में दोबारा सुनवाई को लेकर याचिका दाखिल की थी। दावा किया था नजीर फातिमा की तहरीर में उनके हस्ताक्षर नहीं थे, जबकि उन्होंने अपने हलफनामे में दावा किया था कि उनके ही हस्ताक्षर हैं। हैंडराइटिंग मिलान कराने की अपील की थी। जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। जबकि सीडीआर मामले में ट्रायल कोर्ट को दोबारा सुनवाई का आदेश दिया है। इससे पहले कोर्ट के आदेश पर ही इरफान और रिजवान की सीडीआर सुरक्षित की गई थी। महाराजगंज जेल में बंद सपा विधायक इरफान सोलंकी को कानपुर की जाजमऊ पुलिस ने पड़ोसी महिला नजीर फातिमा का घर फूंकने के मामले में कार्रवाई की थी। इरफान और उनके भाई रिजवान समेत कई आरोपियों को जेल भेजा गया था। इसके बाद एक महीने के भीतर इरफान सोलंकी के खिलाफ 8 मुकदमें दर्ज किए गए थे। इरफान सोलंकी के खिलाफ गैंगस्टर की भी कार्रवाई की गई थी।