संवाददाता।
कानपुर। कानपुर मेडिकल कॉलेज की स्त्री एवं प्रस्तुति रोग विभाग की सह आचार्य प्रो. गरिमा गुप्ता ने एक शोध किया है जिसमें चौका देने वाली बातें सामने आई, आजकल महिलाओं में ब्लड प्रेशर की समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है। खास तौर पर गर्भवती महिलाओं में बीपी की समस्या बहुत तेजी से बढ़ रही है, जिन महिलाओं को कभी भी बीपी की समस्या नहीं थी उन्हें भी गर्भावस्था के दौरान बीपी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसमें देखा गया कि जिन गर्भवती महिलाओं का ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ था वह महिलाएं कीटनाशक दवाइयां के संपर्क में किसी न किसी रूप में रही है डॉ. गरिमा गुप्ता का दावा किया है कि इस तरह का शोध देश में पहली बार हुआ है। इस शोध को पूरा करने के बाद उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। फेडरेशन ऑफ ऑब्स एंड गायनी समिति द्वारा एक सम्मान समारोह का आयोजन हर वर्ष किया जाता है। इसमें पूरे देश भर के लोगों के शोध भेजे जाते हैं। इसके बाद जिसका शोध सबसे अच्छा और अलग होता है उसे राष्ट्रीय पुरस्कार मोविकॉल अवार्ड से सम्मानित किया जाता है। इस बार यह अवार्ड डॉ. गरिमा गुप्ता के नाम रहा है। डॉ. गरिमा गुप्ता ने बताया कि इस शोध को करने में पूरे डेढ़ साल का समय लगा। इस शोध में 60 महिलाओं को शामिल किया। हर महिला को अलग-अलग वर्गों में रखा। फिर इसके बाद यह देखा गया कि किन महिलाओं में गर्भवती होने के बाद बीपी की समस्या आई है। फिर उनके बारे में पूरी हिस्ट्री जुटा गई। इसमें पाया गया कि जो महिलाएं कीटनाशक दवाइयां के संपर्क में किसी न किसी रूप में रही है, उनको बीपी की शिकायत हुई है। यह कीटनाशक दवाइयां उनके अंदर किसी सब्जी के माध्यम से या फिर हवा में पहले प्रदूषण के कारण या पानी के कारण या फिर किसी अन्य रूप से उनके अंदर पहुंचा है, जिस कारण उन्हें इस दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। जब गर्भावस्था के दौरान महिला को बीपी की शिकायत हो जाती है तो ऐसे में बच्चों को भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बच्चे का विकास नहीं हो पता है। कभी-कभी बच्चा पेट में ही खत्म हो जाता है या फिर ऐसे में प्रीमेच्योर डिलीवरी करनी पड़ती है। ऐसी महिलाएं जब दोबारा से गर्भवती होती है तो उनके अंदर 40% चांस बीपी की समस्या होने की बढ़ जाती है। सभी को खाने में ऑर्गेनिक सब्जी का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि आजकल खेती में जो कीटनाशक दवाइयां का प्रयोग हो रहा है। वह शरीर के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। डॉ. गरिमा गुप्ता ने बताया कि कीटनाशक दवाइयां पड़ने के बाद वह सब्जियां आपके शरीर के लिए हानिकारक हो जाती है। इसमें कुछ ऐसे छोटे-छोटे कीड़े होते हैं जो की दिखाई नहीं देते हैं और वह खाने के साथ आपके शरीर में चले जाते हैं। फिर यह कीड़े आपके शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। इस कारण हमेशा ऑर्गेनिक सब्जियों का प्रयोग करना चाहिए। खास तौर पर गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को ऑर्गेनिक सब्जियों ही खानी चाहिए। यदि आम ऐसी सब्जियां लाते है तो उसे फिटकरी के पानी से या गर्म पानी से जरूर धो ले इसके बाद उसे बनाए।