संवाददाता।
कानपुर। नगर में गंगा में गिर रहे नालों को रोकने में नाकाम साबित हुए नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जीएन पर उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने तगड़ा जुर्माना लगाया है। बोर्ड ने नगर आयुक्त पर प्रति माह 5 लाख रुपए प्रति नाले के हिसाब से 1 करोड़ 55 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। बोर्ड ने नगर आयुक्त को 15 दिन में जुर्माना जमा करने का वक्त दिया है। नगर में स्थित 6 नाले आईसीआई, पनकी थर्मल नाला, रतनपुर नाला, रानीघाट नाला, बुढ़ियाघाट नाला और शीतला बाजार नाला का अशोधित उत्प्रवाह सीधे पाण्डु नदी और गंगा नदी में निस्तारित किया जा रहा है। इसको लेकर 15 सितंबर 2022 को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इस पर 17 अगस्त 2023 को एनजीटी द्वारा दिए गए आदेशों के अनुपालन करने के लिए 5 लाख रुपए प्रति नाला प्रति माह की दर से जुर्माना लगाया गया है। 6 नाले 4 अनटैप्ड और 2 क्षतिग्रस्त टैप्ड नाला द्वारा अशोधित उत्प्रवाह गंगा नदी में निस्तारित करने और बायोरेमिडेएशन न करने पर नगर निगम पर 1 करोड़ 55 लाख रुपए का जुर्माना पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के रूप में लगाया गया है। जुर्माना राशि को 15 दिन में जमा करने की मोहलत दी गई है। जुर्माना न जमा करने पर भू राजस्व की भांति यानि संपत्ति की कुर्की कर वसूली की जाएगी। गंगा में सीवेज और अशोधित पानी को जाने से रोकने के लिए नगर निगम को जिम्मेदारी सौंपी गई है। लेकिन कई बार कड़े निर्देशों के बाद भी गंगा में सीवेज को गिरने से रोकने के लिए नगर निगम नाकाम साबित हो रहा है। उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने अब सख्ती दिखाते हुए कार्रवाई की है। गंगा में रोजाना करीब 6 करोड़ लीटर सीवेज और अशोधित पानी गिर रहा है।