संवाददाता।
कानपुर।नगर के महाराजपुर थाना क्षेत्र में साइबेरियन पक्षियों का शिकार करते वीडियो सामने आया है। यहां गंगा की धारा में अठखेलियां करते इन खूबसूरत पक्षियों को शिकारी जाल में फंसाकर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में पकड़ते हैं। इन पक्षियों को जिंदा बोरियों में भर कर शहरों में जाकर ऊंचे दामों में बेंच दिया जाता है। यहां जाल में फंसने से लेकर बेचने तक में बेदर्द शिकारी क्रूरता की इंतिहा पार कर देते हैं। यहां मछलियों का भी शिकार किया जाता है। पिछले कई वर्षों से गंगा किनारे के गांवों में शिकारी सक्रिय हैं। पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से शिकारियों का धंधा फल फूल रहा है। पक्षियों के शिकार से जुड़े एक बुजुर्ग ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सबसे पहले गंगा के उचले पानी में नीचे जाल बिछा दिया जाता है। इसके बाद रिप्रंगनुमा जाल में दो-तीन जिंदा साइबेरियन पक्षियों की चोच व आंखें धागे से सिलकर उनकी उसी में बांध दिया जाता है। जाल से बंधी हुई लगभग दो सौ मीटर लंबी रस्सी हाथ में लेकर शिकारी रेत में छिप जाते हैं। इसी बीच गंगा के ऊपर उड़ता हुआ साइबेरियन पक्षियों का झुंड जब नीचे पानी में तैरते साथियों को देखते हैं तो वो भी जाल के ऊपर आकर बैठ जाते हैं। जैसे ही पक्षी नीचे जाल बिछे वाले स्थान पर उतरते हैं, वैसे ही शिकारी रस्सी खींच लेते हैं। रस्सी खीचते ही जाल पूरा बंद हो जाता है और पक्षी उसमें फंस जाते हैं। जाल में फंसे पक्षियों को बाहर निकालकर उनके पंख तोड़ देते है ताकि वो उड़ न पाए। इसके बाद इनकी आंखें व चोच भी धागे से सिल देते हैं और कानों में रुई लगा देते हैं, ताकि पकड़ा गया पक्षी कोई हलचल न करने पाए। सभी को एक साथ बांधकर जिंदा ही बोरियों में भर लिया जाता है और जब खरीदार आते हैं तो महंगे दामों में बेच दिया जाता है। महाराजपुर थाना प्रभारी अभिषेक शुक्ला से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि मामले की जानकारी नहीं है। यदि ऐसा हो रहा है तो गंभीर अपराध है। शिकारियों की धरपकड़ के लिए पुलिस की एक टीम भेजी जा रही है। आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।