November 22, 2024

संवाददाता।
कानपुर। नगर में कोरोना संक्रमण के बाद से लोगों में तरह-तरह की नई-नई बीमारियां देखने को मिल रही है। जहां एक तरह दिल और फेफडों के मरीज बढ़े हैं तो वहीं हड्‌डियों के मरीजों में भी इजाफा देखने को मिला है। खास तौर पर युवाओं में इसका असर अधिक देखा जा रहा है। पहले के समय में जो बीमारियां एक उम्र के बाद देखी जाती थी वह अब युवा अवस्था में ही दिखाई दे रही है। कानपुर मेडिकल कॉलेज के हड्‌डी रोग विशेषज्ञ डॉ. रोहित नाथ ने बताया कि पहले के समय में कूल्हे की समस्या अधिकतर 50 से 55 साल के बाद देखने को मिलती थी, लेकिन अब इसमें उम्र की सीमा खत्म हो गई है। जिस वजह से बुजुर्गों के साथ ही युवाओं के भी कूल्हे के गुल्ले गल रहे हैं। और जोड़ों का ऑयल सूख रहा है। वहीं, कुछ युवाओं के तो युवावस्था में ही कूल्हे व घुटने बदलने की नौबत पड़ रही हैं। डॉ. रोहित नाथ ने बताया कि इसकी मुख्य वजह शराब व स्टेराइड का सेवन है। कोरोना काल के समय में सभी ने अपनी शारीरिक क्षमता को बढ़ाने के लिए स्टेराइड का खूब सेवन किया है। उसका असर अब देखने को मिल रहा है। इस स्टेराइड ने अब लोगों की हडि्डयों को गलाना शुरू कर दिया है। यहीं कारण है कि युवा अवस्था में गठिया जैसी बीमारियां आ गई है। कानपुर मेडिकल कॉलेज की हैलट अस्पताल की आर्थो ओपीडी में इन दिनों प्रतिदिन 25 से 30 युवा ऐसे आ रहे हैं, जिन्हें चलने-फिरने, उठने-बैठने में दिक्कत हो रही है। डॉ.रोहित के मुताबिक कोरोना के बाद से हड्डी के 10% मरीज बढ़े है। इसमें बुजुर्गों के साथ 20 से 40 वर्ष के युवा भी शामिल हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए आर्थो सर्जनों को बुजुर्गों के साथ ही युवाओं के भी कुल्हे का प्रत्यारोपण करना पड़ रहा है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ आर्थो सर्जन डॉ. रोहित नाथ के मुताबिक युवाओं में कुल्हा प्रत्यारोपण एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। ओपीडी में प्रतिदिन आठ से 10 मरीज कुल्हा प्रत्यारोपण के लिए आ रहे है, जिसमें युवा भी शामिल है। वहीं अगर हम कोविड से पहले की बात करे तो ओपीडी में प्रतिदिन चार से पांच बुजुर्ग ही कुल्हा व घुटना प्रत्यारोपण के लिए आते थे, लेकिन कोविड के बाद मरीजों की संख्या बढ़ी है। खासकर 20 से 40 वर्ष की उम्र के लोगों के घुटने व कूल्हे में दिक्कत हो रही है। डॉक्टरों के मुताबिक जो युवा अधिक शराब का सेवन करते है, उनमें यह समस्या अधिक देखने को मिलती है, क्योंकि उनकी हडि्डयां ज्यादा कमजोर हो रही है। वहीं, कोविड से ग्रस्त मरीजों ने दवा के रूप में स्टेराइड का उपयोग अधिक किया है और अब कैल्शियम की कमी की वजह से हड्डी कमजोर होने लगी है। कूल्हे के गुल्ले गल रहे है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *