नीलगाय का शिकार, अवैध मादक पदार्थ की बिक्री, साथ ही रंगदारी की अवैध कमाई से फलफूल रहा है गैंग
संवाददाता।
कानपुर। जहां प्रदेश में योगी सरकार की अपराध मुक्त समाज की स्थापना को प्रतिबद्ध राजधानी प्रशासन जीतोड़ मेहनत कर रहा है वही जिला प्रशासन के कुछ अधिकारी हिस्ट्रीशीटरों के धनबल के आगे नतमस्तक है। नगर में बीते पिछले सप्ताह जेल से रिहा हुआ कुख्यात हिस्ट्रीशीटर शाहिद (पिच्चा) अपनी गैंग की खबर प्रकाशित होने पर भड़क उठा। थाना बजरिया के अंतर्गत नाला रोड खल्वा में स्क्रैप माफियाओं से रंगदारी मांगने व क्षेत्र में खुलेआम असलहों को लहराते हुए उत्पाद मचाते दहशत फैलाने वाले गैंग की खबर प्रकाशित करने पर भड़के पिच्चा गैंग के गुर्गों ने अपने बॉस से शिकायत की तो बॉस आग बबूला हो गया और खबर लिखने वाले पत्रकार की खोजबीन में अपने गुर्गों को लगा दिया। पत्रकार का चित्र प्राप्त कर पिस्टल लगाकर नगर के सभी इलाकों में गश्त कर रहा है, इसके साथ ही संपूर्ण जनपद में पैठ बनाए हुए पिच्चा ने गैंग के सभी सदस्यों को सक्रिय कर दिया है। और सभी को निर्देश दिये है यह पत्रकार जहाँ मिले उसको उठा लो उसका भयानक अंजाम करना हैं, जिससे ये खबर लिखने लायक न बचे और अन्य लोगों को यह पता चले की हमारे खिलाफ लिखने का क्या अंजाम होता है। इनामी रह चुका कुख्यात हिस्ट्रीशीटर बीते सप्ताह ही जेल से रिहा होने के बाद क्षेत्र में अपने रसूक बनाए रखने के लिए उसने अपने गैंग से यह हरकत करवाई थी। यह दर्जनों मुकदमें का मुख्य आरोपी है जिनमें जनपद में ही कई मुकदमें हत्याओं के दर्ज हैं। अन्य जिलों में जेल काट चुका यह अपराधी अपने गैंग को चलाने के लिए अवैध मादक पदार्थों की थोक बिक्री का नेटवर्क नेपाल, बाराबंकी से लेकर कानपुर नगर, दिल्ली, मुम्बई तक बनाए हुए है, यहाँ तक की अपने शातिराना दिमाग़ के चलते उन मादक पदार्थों को अन्य जनपदों में पहुॅचाने के लिए नाबालिग बच्चों व महिलाओं का प्रयोग करता है। जिसकी वजह से प्रशासन की निगाहों से बचता रहता है। साथ ही प्रतिबंधित नीलगायों के शिकार के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसकी कई टीमें बनी हुई है। जो देर रात्रि में उनका शिकार किया जाता है और उन्हें वही टुकड़ों में करने के बाद पैक करके प्रशासन की आंख में धूल झोंकने के लिए प्राइवेट ट्रेवल्स की बड़ी गाड़ियों से नगर में एंट्री करी जाती जिससे किसी को शक न हो। इस कार्य मे संलिप्त बीते कुछ माह पहले आसमानी कलर की इनोवा प्रशासन के कुछ अधिकारियों की निगाह में आई थी मामला गरम होते देख इसने गाड़ी बदल दी थी और काम को हल्का कर दिया था जो अब बदस्तूर जारी है। इसकी इसी लाखों करोड़ो रुपये की काली कमाई से इसका गैंग फल फूल रहा है, अपने इसी धन बल के कारण इसने अपने फैलाए हुए संजाल में बाधा बनने वाले लोगों को चाहे वह सामाजिक व्यक्तित्व रहे हों या अपराधी तत्व उनकी बिहार के शार्प शूटरों को बुलाकर हत्याओं को अंजाम दिलवाया है, जिसके कारण उन हत्याओं में इसकी संलिप्ता को प्रमाणित नहीं किया जा सका। इसके साथ ही अपने धन बल का प्रयोग राजनैतिक सत्ता के गलियारों में अपनी सुरक्षा घेरे को मजबूत करने के लिए करता है। जिसकी सुरक्षा में उसे पिछली सरकार के गैंगस्टर सपा विधायक सहित कई पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों का वरदहस्त प्राप्त है जिनके साथ की खींची हुई फोटुओं को सोशल मीडिया पर डालता रहता है जिससे इसका दबदबा आम जन में बना रहता है।