भाड़े पर इतने मर्डर किए कि उसका पुलिस रिकॉर्ड में कहीं दर्ज ही नहीं आज तक।
पिंटू सेंगर ( मृतक ) पर 28 केस दर्ज हैं गैंगेस्टर और गुंडा एक्ट की कार्रवाई के साथ भू-माफिया भी घोषित हो चुका था
संवाददाता।
कानपुर। कुख्यात बदमाश राशिद कालिया को एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया। झांसी में शनिवार को मुठभेड़ में उसके सीने में गोली लगी थी। कानपुर में 3 साल पहले हुई बसपा नेता पिंटू सेंगर की हत्या में कालिया वांटेड था। उस पर 1.25 लाख का इनाम था। कालिया को 10 जिलों की पुलिस तलाश कर रही थी। जून 2020 को सेंगर की हत्या के बाद से वह फरार चल रहा था। झांसी एसएसपी राजेश एस ने बताया कि शनिवार को एसटीएफ को सूचना मिली कि राशिद कालिया मऊरानीपुर में एक व्यक्ति की हत्या करने जा रहा है। इसके बाद पुलिस ने मध्य प्रदेश के बॉर्डर पर उसे रोकने की कोशिश की, तब वह भाग गया। इस पर एसटीएफ की टीम ने उसका पीछा किया। 20 मिनट तक वह कच्चे रास्तों पर एसटीएफ की टीम को छकाता रहा। बाद में वह सितौरा की ओर मुड़ गया। तब एसटीएफ की दूसरी टीम सामने से आ गई। आगे-पीछे से खुद को घिरता देख राशिद कालिया फायरिंग करने लगा। दोनों तरफ से 10 मिनट तक 10 राउंड फायरिंग हुई। फायरिंग में एसटीएफ के डिप्टी एसपी संजीव दीक्षित और इंस्पेक्टर घनश्याम यादव को भी गोली लगी। मगर, बुलेटप्रूफ जैकेट पहने होने से उनकी जान बच गई। एसटीएफ की जवाबी फायरिंग में कालिया के सीने में गोली लगी। इससे वह गिर गया। पुलिस ने उसे मऊरानीपुर CHC ले गई। वहां से झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर किया। वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। राशिद कालिया कानपुर के चकेरी थाना क्षेत्र के चिश्तीनगर का रहने वाला था और मूलतः महोबा का। पिंटू सेंगर के भाई धर्मेंद्र ने बताया, “भाई की हत्या के बाद से परिवार दहशत में जी रहा था। हम लोगों को मुकदमा वापस लेने की कई बार धमकी मिली। मगर हम लोग पीछे नहीं हटे। आज जैसे ही कालिया के एनकाउंटर की खबर मिली। पूरे परिवार ने चैन की सांस ली है। इस गैंग के मुखिया पप्पू स्मार्ट और सभी सदस्यों का इसी तरह एनकाउंटर होना चाहिए। 20 जून, 2020 में कानपुर के चकेरी इलाके में बसपा नेता नरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सेंगर की गोलियों से छलनी करके हत्या कर दी गई। हत्याकांड को अंजाम देने के लिए पल्सर और बाइकों पर सवार होकर चार शूटर आए थे। तफ्तीश में खुलासा हुआ कि पल्सर अहसान कुरैशी चला रहा था, जबकि पीछे राशिद कालिया बैठा था, जबकि दूसरी बाइक फैसल कुरैशी चला रहा था और सलमान बेग पीछे बैठा था। कार से उतरते ही पिंटू सेंगर पर चारों बदमाशों ने ऑटोमेटिक हथियारों से एक साथ फायरिंग कर दी। पुलिस को घटनास्थल से 11 कारतूस के 11 खोखे बरामद मिले थे। पुलिस ने सेंगर हत्याकांड में पप्पू स्मार्ट, महफूज अख्तर, साऊद अख्तर समेत 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था, मगर राशिद कालिया फरार चल रहा था। कालिया सुपारी लेकर हत्या करने के लिए कुख्यात था। 10 जिलों की पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। कालिया इतना शातिर था कि बताया जाता है कि उसकी एक भी फोटो पुलिस के पास नहीं थी। न ही वह मोबाइल का इस्तेमाल करता था। इसलिए, कालिया की गिरफ्तारी का जिम्मा एसटीएफ को दिया गया था। एसटीएफ लगातार कालिया को ट्रैक कर रही थी, लेकिन हर बार वह चकमा देकर फरार हो जाता था। कालिया पर झांसी, कानपुर नगर में लूट, हत्या जैसे संगीन अपराधों के 13 केस दर्ज हैं। कानपुर पुलिस ने कालिया पर 1 लाख जबकि झांसी पुलिस ने 25 हजार का इनाम घोषित कर रखा था शूटर राशीद कालिया का झांसी में अपराध की दुनिया में नाम रहा है। उसने 2009 में 20 साल के मोहसिन का अपहरण कर हत्या कर दी थी। तब से वह फरार था। उस पर झांसी में 25 हजार का इनाम घोषित किया गया था। अब वह सुपारी लेकर फिर से हत्या करने आया था। पुलिस और एसटीएफ ने सूचना पर घेराबंदी कर एनकाउंटर में मार गिराया। शार्प शूटर कालिया मूलरूप से महोबा का रहने वाला था। मगर अपराध की दुनिया में कदम रखने के बाद कानपुर पहुंचा और चिश्ती नगर चकेरी में रहने लगा था। यहां से ही उसने हत्या, लूट, रंगदारी समेत कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया। इसके बाद कानपुर के बड़े-बड़े अपराधियों के संपर्क में आ गया था। यहीं से उसे भाड़े पर हत्याओं के लिए सुपारी मिलने लगी थी। इसके बाद उसने चमनगंज गदियाना में आने-जाने के दौरान यहां की एक युवती से उसने लव-मैरिज की थी। इसके बाद चमनंगज में काफी दिनों तक रहा। मगर पिंटू सेंगर मर्डर केस में वांछित हुआ, तो पुलिस से बचने के लिए झांसी में परिवार के साथ छिपकर रहता था। पिंटू सेंगर मर्डर केस में कालिया पर पहली बार 50 हजार रुपए इनाम घोषित किया गया था। मगर अरेस्टिंग नहीं होने के चलते 1 मई 2022 को 50 हजार रुपए बढ़ाकर इस इनामी राशि को 1 लाख रुपए कर दिया गया था। इसके बाद भी कानपुर पुलिस कमिश्नरेट राशिद कालिया को अरेस्ट नहीं कर पा रही थी। पिंटू सेंगर का केस लड़ रहे वकील संदीप शुक्ला ने एनकाउंटर के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी। संदीप शुक्ला ने कहा कि राशिद कालिया ने भाड़े पर इतने मर्डर किए कि उसका पुलिस रिकॉर्ड में कहीं दर्ज ही नहीं है। आज तक खुलासा ही नहीं हो सका। इस तरह के शूटर का एनकाउंटर आम लोगों के लिए राहत की बात है। कानपुर के बसपा नेता पिंटू सेंगर का भी आपराधिक इतिहास कम नहीं है। पिंटू सेंगर पर चकेरी, किदवई नगर और कोहना थाने में कुल 28 केस दर्ज हैं। गैंगेस्टर और गुंडा एक्ट की कार्रवाई के साथ भू-माफिया भी घोषित हो चुका था। उस पर हत्या के प्रयास, प्रॉपर्टी हथियाने, हत्या, रंगदारी जैसे संगीन धाराओं में मामले दर्ज हैं। चार मुकदमों में वह दोषमुक्त कर दिया गया था। पिंटू सेंगर ने पुलिस से बचने के लिए अपराध की दुनिया छोड़कर राजनीति में एंट्री की। दिवंगत फूलनदेवी ने पिंटू सेंगर की राजनीति में एंट्री कराई थी। नरेंद्र सिंह सेंगर एक दशक पहले उस समय सुर्खियों में आया था, तब 2010 में मायावती के जन्मदिन पर उसने बसपा सुप्रीमो मायावती के लिए चांद पर जमीन खरीदने का दावा किया था। इसके बाद मायावती ने उसे पार्टी से निकाल दिया था।हालांकि दो साल पहले पिंटू फिर से बसपा में आ गया था। वह सांसद रहीं फूलनदेवी का भी करीबी था। हत्या से पहले पिंटू कानपुर देहात की भोगनीपुर से विधायक का चुनाव लड़ने की तैयारी में था। नरेंद्र सिंह सेंगर और उसका परिवार राजनीति से जुड़ा रहा है। वह खुद बसपा का नेता रहा है। छावनी सीट से 2007 में बसपा से विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था। बाद में उसे बसपा से निकाल दिया गया था। पिता सोने सिंह गजनेर (कानपुर देहात) के गोगामऊ से ग्राम प्रधान थे। मां शांति कठेती से जिला पंचायत सदस्य रही हैं।