संवाददाता।
कानपुर। नगर में जेल की रोटी खाने के लिए अब लोगों को जेल के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। चौंक गए न कि आखिर जेल की रोटी भला कौन खाने जाएगा, जी हां बिल्कुल सही बात है, अपनी जन्म कुंडली मे कारागार योग काटने के लिए लोग जेल की रोटी खाने के लिए रोजाना जेल में जुगाड़ और पैरवी से खाना मंगवाते थे। सिर्फ दो रोटी के लिए सैकड़ों लोग जेल के आसपास चक्कर काटते दिख जाते थे। इस समस्या को दूर करने के साथ ही बंदियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जेल प्रशासन ने अब जेल के बाहर अपना फूड आउटलेट रविवार से शुरू कर दिया है। यहां पर जेल की रोटी से लेकर खाना ही नहीं, नाश्ता भी मिलेगा। खास बात यह है कि यह खाना जेल में बंद कैदी बनाएंगे और रिहा हुए अपराधी आपकी थाली में परोसकर देंगे। कानपुर जेल गेट पर रविवार को एक फूड आउटलेट शुरू किया गया है। यूपी का पहला आउटलेट होगा जहां पर यहां 70 रुपए में भरपेट थाली मिलेगी, जिसमें चार रोटी, दाल, सब्जी, चावल, अचार और मिर्च होगी। यह आउटलेट सुबह 9 बजे से शाम सात बजे तक खुलेगी। लंच टाइम 1 से 4 बजे तक रखा गया है।सरकारी विभाग और निजी संस्थानों के लिए पैक्ड फूड (लंच) भी सेम रेट पर मिलेगा। खाना बनाने में आरओ का पानी इस्तेमाल किया जाएगा। जो रिहा बंदी आउटलेट से खाना देंगे, उनमें एक गैर इरादतन हत्या और दूसरा दहेज हत्या का आरोपी था, जो जेल से छूट चुके हैं। इस आउटलेट का खाना बनाने के लिए चार बंदी अलग से नियुक्त किए गए हैं। आउटलेट का खाना गुणवत्तायुक्त हो, इसके लिए जेल प्रशासन ने एक कमेटी बनाई है जो क्वालिटी चेक करेगी। इस टीम में जेल के एक डॉक्टर, जेलर और एक डिप्टी जेलर रहेंगे। क्वालिटी कंट्रोल की जिम्मेदारी इसी टीम की रहेगी। जेल अधीक्षक डॉ. बी.डी. पांडेय ने बताया कि आउटलेट की स्थापना बंदी कल्याण एवं पुनर्वास सहकारी समिति संस्था के अंतर्गत की गई है। इस संस्था के प्रवर्तक जेल अधीक्षक रहेंगे। संस्था की कमेटी के अन्य सदस्यों में जेलर, डिप्टी जेलर और जेल के बंदी रहेंगे। इस संस्था के नाम से बैंक में अकाउंट खुलवाया गया है। जो सेल होगी, उसमें लागत और दूसरे खर्चे निकालने के बाद जो भी बचेगा उसे काम करने वाले बंदियों के खाते में डाला जाएगा। जेल अधीक्षक बीडी पांडेय ने बताया कि कानपुर के डीएम विशाख जी के प्रयासों से इस कैंटीन का शुभारंभ हो पाया है। दूर-दराज से अपने रिश्तेदारों से जेल में मुलाकात करने वाले परिजन भी इस आउटलेट का फायदा उठा सकेंगे। इस आउटलेट में दो से पांच लोग एक साथ बैठकर चाय पी सकते हैं। खुलने से बंद होने के समय तक और आरओ का पानी उपलब्ध रहेगा। जेल के अंदर इस आउटलेट के लिए स्पेशल किचेन बनाया गया है, खाना घर की रसोई जैसा होगा। दूसरे जिलों से अपने केस की सुनवाई में आए लोगों को लंच के लिए दूर कचहरी जाना पड़ता था, इस आउटलेट के बन जाने से घर की रसोई का स्वाद यहां से पैक्ड थाली में मिलेगा।