संवाददाता।
कानपुर। नगर में शनिवार देर रात को पुलिस कमिश्नर डॉ. आरके स्वर्णकार ने कांस्टेबल को पीटने और भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे एडीसीपी आकाश पटेल का कार्यक्षेत्र बदल दिया है। अब उन्हें एडीसीपी वेस्ट की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आईपीएस पर दो गंभीर मामलों की जांच चल रही है। पहला कि उन्होंने कांस्टेबल को मुर्गा बनाकर अपने दफ्तर में पीटा और वसूली में सस्पेंड किए गए कांस्टेबल उनकी टीम का हिस्सा थे। कानपुर के महाराजपुर थाने में तैनात कांस्टेबल पद्माकर द्विवेदी ने दो दिन पूर्व ही आरोप लगाया था कि एडीसीपी ईस्ट आकाश पटेल ने उन्हें अपने ऑफिस में बुलाया और मुर्गा बनाकर डंडे से पीटा। उन्होंने डीसीपी ईस्ट शिवा जी शुक्ला के कैबिन में घुसकर खुद को बचाया। अफसरों के सुनवाई नहीं करने पर पूरा मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसका कानपुर पुलिस कमिश्नर डॉ. आरके स्वर्णकार से लेकर शासन स्तर के अफसरों ने संज्ञान लिया। इसके बाद आनन-फानन में शुक्रवार रात को आईपीएस आकाश पटेल का कार्यक्षेत्र में बदलाव करते हुए उन्हें एडीसीपी वेस्ट बनाया गया है। उनकी जगह आईपीएस लाखन यादव को एडीसीपी ईस्ट की जिम्मेदारी सौंपी गई है। फिलहाल जांच पूरी होने के बाद अगर आरोप की पुष्टि हुई तो आईपीएस आकाश पटेल पर बड़ी कार्रवाई भी हो सकती है। कोतवाली थाने में तैनात रहे कांस्टेबल अनुराग और प्रशांत 17 अक्तूबर को हरबंशमोहाल थाना क्षेत्र के सुतरखाना स्थित एक होटल में वसूली करने पहुंचे थे। लेकिन होटल में दांव उल्टा पड़ गया। होटल संचालक ने दोनों सिपाहियों को दबोच लिया और वसूली का आरोप लगाकर जमकर पिटाई कर दी। इसके बाद हरबंशमोहाल थाने की पुलिस ने दोनों कांस्टेबलों को छुड़ाया था। मामले की जानकारी होने पर पुलिस कमिश्नर डॉ. आरके स्वर्णकार ने दोनों को सस्पेंड कर दिया था। जांच में सामने आया है कि वसूली के दिन दोनों कांस्टेबल 17 अक्तूबर को दोपहर 3 बजे विशेष ड्यूटी के लिए एडीसीपी ऑफिस के लिए रवाना हुए थे।आईपीएस आकाश पटेल मूल रूप से फतेहपुर जिले के रहने वाले हैं। नियमों की मानें तो उनकी नियुक्ति बॉर्डर के जिले में नहीं हो सकती है। लेकिन मौजूदा समय में वह अपने पैतृक निवास के ठीक बगल वाले जिले में तैनात हैं। शासन ने आईपीएस आकाश पटेल को लेकर पूरी विस्तृत जांच रिपोर्ट तलब की है।