कानपुर।दीपावली में गणेश और लक्ष्मी जी के पूजन का विशेष महत्व है लेकिन बीते कुछ वर्षो से लोगो के बीच चाइना से बनकर आई मूर्तियों का प्रचलन बढ गया था। एक बार फिर लोगो ने गणेश-लक्ष्मी की मिटटी की बनी मूर्तियों की तरफ रूख किया है जिससे गणेश लक्ष्मी की मूर्तियों की बिक्री में बढोत्तरी दिखायी ददे रही है। दीपावली जैसे-जैसे निकट आती जा रही है बाजारो में पर्व की धूम दिखाई देने लगी है। इस पर्व का विशेष अवसर होता है, जिसमें पूजन के लिए सभी लोग गणेश लक्ष्मी की मूर्ति खरीदते है। बीते वर्षो में बाजार में चाइना से बनी लक्ष्मी गणेश की प्रतिमाये बाजार में आई थी जो देखने में आकर्षक भी थी और उनके दाम भी कम थे और यह मूर्तियां लोगो को खूब भाई थी लेकिन इस बार फिर से लोगो ने मिटटी की मूर्तियों की ओर अपना रूख कर लिया है। ऐसे में शहर में जहां मूर्ति बनाई जाती है वहां एक बार फिर रौनक लौट आई है। मूर्ति बनाने वाले कारीगर दीपावली पर्व से दो महीने पहले से वह लोग गणेश लक्ष्मी की मूर्तिया तैयार करने में लग जाते है। शहर के साथ आस पास के गांवो जनपदो से भी व्यापारी बडी संख्या में आते है। दीपावली पर अधिक मांग होने के कारण इस बार उनके पास काफी काम है। मूर्तियां तैयार है और बेंची भी जा रही है साथ ही नई मूर्ति का निर्माण भी किया जा रहा है तैयार हो रही मूर्तियों को रंगने का व साज सज्जा का काम किया जा रहा है। दीपावली पर्व पर गणेश लक्ष्मी की मूर्तिया हर दामों में और हर आकार की मिल जाती है लेकिन कुछ खास, सुन्दर, आकर्षक और बडी मूर्तियां लेनी है तो उसी हिसाब से आपको अपनी जेब भी हल्की करनी होगी। जहां औसतन मूर्तिया 25-30 रू0 से शुरू होकर 200 रू0 तक की कीमत की बिकती है तो वहीं सुन्दर और आकर्षक मूर्तियों का कोई मोल नही है। बाजार में अच्छी से अच्छी मूर्तिया 300 रू0 से लेकर 2000 हजार रू0 तक की मौजूद है। शहर के बिराहना रोड में काफी मंहगी मूर्तियां बिकती है। वहीं यहां पूरे शहर से लोग अच्छी और सुन्दर मूर्तियों को खरीदने के लिए आते है। तो इस बार चीनी मिटटी की अपेक्षा मिटटी से बनी मूर्तियों की मांग अधिक है और खरीदारों का दिखायी दे रही है। अधिकांश लोग मूर्तियों को बडा देख परखकर ही खरीदते है यदि कुछ भी मूर्ति में उन्हे गडबड लगती है तो उन मूर्तियों को हटा दिया जाता है। गणेश व माता लक्ष्मी की मूर्तियों के सुन्दरीकरण का काम तेजी के साथ किया जा रहा है। शहर की थोक मण्डियों के साथ ही फुटकर मूर्ति विक्रेता गणेश लक्ष्मी की मूर्तियों को आकर्षक ढंग से सजाने में लगे हुऐ है, इसके लिए विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों को काम सौंपा गया हैं कारीगर महिलाये गणेश लक्ष्मी को कपडे के साथ सुन्दर गहनो से सजाती है। नगर के बडे बजारो में बिराहना रोड, नवीन मार्केट, हरजेन्दर नगर, आर्य नगर, गुमटी नं0 5, चावला मार्केट जैसी मार्केट में गणेश लक्ष्मी की दुकानें भी सजनी शुरू हो गयी है। गणेश लक्ष्मी की मूर्ति के खरीदार नरेश महेश्वरी के मुताबिक चाइना से आने वाली मूर्तियों में चमक तो होती है पर रौनक नही मिटटी के मूर्तियों में रौनक के साथ सादगी भी रहती है, इसलिए मिटटी के ही गणेश लक्ष्मी लेकर पूजन करेंगे।