September 8, 2024

संवाददाता।
कानपुर। उत्तर प्रदेश में आज से एक बार फिर मौसम में उलटफेर होने का अनुमान है। 15 फरवरी यानी अगले 4 दिन तक प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बारिश हो सकती है। आज यानी सोमवार को मौसम विभाग ने 8 जिलों- प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, सोनभद्र, कौशांबी, चित्रकूट और बांदा में बारिश की संभावना जताई है। वहीं, लगातार तीसरे दिन भी अयोध्या 5°C तापमान के साथ यूपी में सबसे ठंडा शहर रिकॉर्ड हुआ। इसके बाद कानपुर का तापमान 5.45°C दर्ज हुआ। बीते 24 घंटे में सबसे गर्म शहर वाराणसी रहा। यहां दिन में पारा 26.5°C तक गया। मौसम विभाग के अनुसार, फिलहाल हवा की रफ्तार नहीं थमेगी। फरवरी के पूरे महीने में तेज हवाएं 30-40 KMPH रफ्तार पर चलती रहेंगी। बसंत के आसपास हवा की स्पीड और बढ़ने की संभावना है। बुधवार से लगातार हवा की रफ्तार बढ़ी है। रविवार तक इसमें कोई खास कमी नहीं आई है। सोमवार सुबह भी हवाएं चल रही हैं। इसकी वजह से अचानक शीतलहर जैसी सर्दी फिर लौट आई है। रात में गलन और ठिठुरन का अहसास हो रहा है। तेज बर्फीली हवाओं के कारण बादल और धुंध छंट गई। इससे आसमान पूरी तरह साफ हो गया। धूप खिल रही है लेकिन, इसका असर नहीं हो रहा है। न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, पहाड़ों में बर्फबारी हुई है। अब इसका असर मैदान तक पहुंच रहा है। इसलिए, हवाओं में ठंडी हैं। तेज धूप निकलने के बाद भी अधिकतम तापमान यानी गर्मी में ज्यादा वृद्धि नहीं हो पा रही है। इससे पहले यूपी में 6 फरवरी तक अलग-अलग शहरों में बारिश हुई थी। तब उसके चलते गलन बढ़ी थी। अब पहाड़ों में हुई बर्फबारी का असर है। 15 फरवरी के बाद तापमान में वृद्धि के आसार हैं। मार्च तक गर्मी की शुरुआत हो सकती है। न्यूनतम पारा जो 5-6 डिग्री सेल्सियस के करीब चल रहा है। उसके औसत 10 से 12 डिग्री तक शिफ्ट होने की उम्मीद है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, मानसून सीजन में इस बार अच्छी बारिश होने की उम्मीद है। इसकी वजह अल नीनो है। प्रशांत महासागर के गर्म होने से अल नीनो कमजोर होना शुरू हो गया है। अगस्त तक ला नीना की स्थिति बनने की संभावना है। कानपुर की सीएसए यूनिवर्सिटी के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय के मुताबिक, जून-जुलाई तक ला-नीना विकसित होने की अच्छी संभावना है। अगर इस साल अल नीनो, ईएनएसओ (अल-नीनो साउदर्न ओस्सीलेशन) स्थितियों में बदल गया, तो भी इस साल का मानसून पिछले साल से बेहतर रहेगा। डॉ. पांडेय के मुताबिक, भारत की सालाना बारिश का लगभग 70% दक्षिण-पश्चिम मानसून से आता है। यह कृषि क्षेत्र के लिए अहम है। अमेरिका के राष्ट्रीय महासागरीय और वायुमंडलीय प्रशासन (एनओएए) ने पिछले हफ्ते कहा था कि अप्रैल-जून तक अल-नीनो के ईएनएसओ स्थिति में बदलने की 79% संभावना है। इसके अलावा, जून-अगस्त तक ला नीना के विकसित होने की 55% संभावना है। इससे बारिश अच्छी होगी। एकतरफ जहां इस साल मानसून के अच्छा होने के आसार हैं। वहीं, साल 2024 के अब तक के सबसे ज्यादा गर्म होने के भी आसार हैं। वाराणसी की बीएचयू यूनिवर्सिटी में आए अमेरिका के जॉर्ज मेसोन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और प्रख्यात मौसम वैज्ञानिक प्रो. जगदीश शुक्ला ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 2023 सबसे गर्म साल था। 19वीं शताब्दी के मुकाबले यह 1.4 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म रहा। लेकिन 2024 इससे भी ज्यादा तपेगा। डेढ़ महीने पहले यानी दिसंबर महीने में अलनीनो अपनी पीक पर था। इससे महासागर तपने लगे हैं।  

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