संवाददाता।
कानपुर। नगर के उर्सला अस्पताल में नवजात की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया। इसके बाद जमकर हंगामा किया। ढाई माह के नवजात के पिता का कहना है कि जब बच्चे की हालत बिगड़ी, तो कई बार नर्स के पास जाकर गुहार लगाई। लेकिन, कोई भी अपनी सीट से उठकर देखने तक नहीं आया। इसके बाद जब बच्चे की मौत हो गई, तो डॉक्टरों ने एक सादे कागज में हस्ताक्षर करा लिए। तेजाब मिल कैंपस निवासी अमन शर्मा प्राइवेट काम करते है। पत्नी पूनम शर्मा ने 14 अक्तूबर 2023 को उर्सला के डफरिन अस्पताल में एक बेटे को जन्म दिया था। पिछले दस दिन पूर्व बेटे को ठंड लगने से उसकी तबियत खराब हो गई थी। पहले लोकल डॉक्टरों को दिखाया तो कोई आराम नहीं मिला। इसके बाद 5 जनवरी को उर्सला अस्पताल लेकर आए। यहां डॉक्टरों ने बेटे को वेंटिलेटर में रखा। अमन के मुताबिक 6 जनवरी की शाम को अचानक बेटे की हालत बिगड़ने लगी तो वहां मौजूद डॉक्टर भरत व नर्स से इसकी शिकायत की लेकिन काफी देर तक डॉक्टर अपनी कुर्सी से भी उठकर नहीं आए। जब बेटा सांस नहीं ले पा रहा था तब डॉक्टर उठकर पास में गए। वहां पर वेंटिलेटर में ऑक्सीजन तक की कोई सुविधा नहीं थी। अमन ने बताया कि जब बेटे की हालत खराब हुई तो डॉक्टरों ने एक सादे कागज में हस्ताक्षर करने को कहा। मैंने हस्ताक्षर करने से मना किया तो उन्होंने कहा कि इलाज तभी शुरू होगा जब इसमें हस्ताक्षर कर दोगे। इसके बाद डॉक्टरों ने जबरदस्ती हस्ताक्षर करा लिए। घटना के बाद अमन ने इसकी शिकायत वहां मौजूद डॉक्टरों से की, लेकिन किसी ने भी गंभीरता से इसे नहीं लिया। इसके बाद अमन ने इसकी शिकायत सीएम पोर्टल पर की। वहीं, उर्सला के सीएमएस डॉ. शैलेंद्र तिवारी ने कहा कि मुझे घटना की जानकारी नहीं है, न ही मेरे पास कोई शिकायत लेकर आया है। यदि डॉक्टरों ने कोई लापरवाही की है तो बच्चे के परिजन मुझसे शिकायत कर सकते है। अगर कोई दोषी होगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।