संवाददाता।
कानपुर। कल्याणपुर थाना क्षेत्र में चार वर्ष पूर्व एक अपराधी मानसिकता के चलते हिंसात्मक तरीके से तीन लोगों ने मिलकर एक जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया था। जिसमे एडीजे 12 ( बारह ) में हायर जुडिशल सर्विस न्यायायिक अधिकारी परमेश्वर प्रसाद जी ने अपनी शैली को बरकरार रखते हुए न्यायपूर्ण निर्णय सुनाते हुए बैंक कर्मी अतीक उर्फ सैफी से लूट के बाद हत्या करने के मामले में कोर्ट ने उन तीनों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 42-42 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। एडीजे-12 में अभी चार दिन पूर्व हत्या के प्रयास में एक अभियुक्त पर पुलिस द्वारा दर्ज मुकदमे में उसके विरुद्ध साक्ष्य न होने पर उसे निर्दोष मुक्त पाते हुए बाइज्जत बरी किया गया था। विद्वान सहायक शासकीय अधिवक्ता इन्द्रलता जी ने आरोपियों के विरुद्ध तथ्यपरक दलीलों ओर साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों को सज़ा सुनाने में सहायक सिद्ध हुआ। उन्होंने ने बताया कि चार साल पहले आरोपियों ने लूट के बाद जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया था। साउथ सिटी के उस्मानपुर कॉलोनी में रहने वाला अतीक उर्फ सैफी (28 वर्ष) मूल रूप से असम का रहने वाला था, लेकिन यहां पर अपनी नानी के यहां रहकर प्राइवेट बैंक में नौकरी करता था। 22 दिसबंर 2019 को उसका शव कल्याणपुर के जवाहरपुरम पानी टंकी के पास नाले में उसका शव बरामद हुआ था। उसके जेब में मिले दस्तावेज से उसकी शिनाख्त हुई थी। पुलिस ने साउथ सिटी से लेकर वारदात स्थल के सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे खंगाले और सर्विलांस की मदद से तीन आरोपियों को अरेस्ट किया था। हत्याकांड के करीब एक महीने बाद 18 जनवरी 2020 को कल्याणपुर थाना प्रभारी ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए चौबेपुर निवासी ओम नारायण त्रिवेदी उर्फ बउआ, शिवली निवासी राकेश कुमार गौतम और लाल जी पांडेय को अरेस्ट किया था। जांच के दौरान मृतक का वोटर आईडी, आधार कार्ड, एटीएम, मोबाइल, कैश समेत अन्य सामान लुटेरों के पास से बरामद हुआ था। पूछताछ में तीनों हत्यारोपियों ने बताया कि लूट के बाद ईंट से सिर कूचकर नृशंस हत्याकांड को अंजाम दिया था। पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा करने के बाद तीनों को जेल भेज दिया था। पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया था कि अतीक उर्फ सैफी कल्याणपुर के सैक्स रैकेट के ठिकाने सीटीएस बस्ती जाना चाहता था। सैफी ने बस अपनी बाइक रोक कर पता पूछा था, इसके बाद वह लुटेरों के टारगेट पर चढ़ गया। तीनों लुटेरे सैफी को बहलाकर अपने साथ बस्ती ले गए थे। सूनसान जगह पर लूटपाट करने के बाद ईंट से सिर कूचकर नृशंस हत्या कर दी और मौके से भाग निकले थे। नौ गवाहों के बयान के बाद कोर्ट ने तीनों आरोपियों को उम्रकैद और 42-42 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।