संवाददाता।
कानपुर। नगर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर से 200 करोड़ बरामदगी के मामले में 13 अन्य कारोबारियों के नाम भी चार्जशीट में बढ़ाए गए हैं। कोर्ट ने इन सभी को समन जारी करते हुए तलब किया है। डीजीजीआई अहमदाबाद ने जांच के दौरान इन सभी 13 कारोबारियों को भी अरबों की टैक्स चोरी का दोषी पाया और अब इन सभी के खिलाफ कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। 1 लाख 60 हजार 300 पन्नों की सप्लीमेंट्री चार्जशीट है। सप्लीमेंट्री मतलब जांच में इन सभी का नाम आने पर चार्जशीट में इन सभी कारोबारियों के नाम बढ़ाए गए हैं। अब अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को स्पेशल सीजीएम कोर्ट में होगी। नगर के आनंदपुरी में रहने वाले इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर से 200 करोड़ कैश बरामदगी के मामले में महानिदेशालय जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआई) अहमदाबाद जांच कर रही है। जांच के दौरान अरबों की टैक्स चोरी में पीयूष जैन के साथ ही कानपुर और कन्नौज के नामी उद्योगपतियों का नाम भी सामने आया है। अब डीजीजीआई ने जांच के बाद मेसर्स ओडोकेम इंडस्ट्रीज कन्नौज, श्रीमती कल्पना जैन प्रोपराइटर मेसर्स ओडस्मिथ आईएनसी कन्नौज, विजय लक्ष्मी जैन प्रोपराइटर फ्लोरा नैचुरली कन्नौज, अमरीश जैन, महेश चंद्र जैन, मेसर्स त्रिमूर्ति फ्रेगरेंस प्रा. लि. कानपुर, दीपक अग्रवाल, शैलेंद्र मित्तल, मेसर्स गणपति रोड कैरियर्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रवीन कुमार जैन, रजन जैन, मेसर्स कुशल चंद्र इंटरनेशनल प्रा. लि. और सुनील ए हिरानी का नाम भी चार्जशीट में बढ़ा दिया है। इन सभी 13 उद्योगपतियों के खिलाफ डीजीजीआई ने 10 अक्तूबर को कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। केस के सरकारी अधिवक्ता अमरीश कुमार टंडन ने गुरुवार को बताया, न्यायालय विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कानपुर नगर सुशील कुमार सिंह की कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए इन सभी 13 आरोपियों के खिलाफ समन जारी करते हुए कोर्ट में तलब किया है। अब 20 अक्तूबर को इन सभी आरोपियों को कोर्ट में हाजिर होना पड़ेगा। अब इस 200 करोड़ के केस में 14 अभियुक्त बन गए हैं। आपको जानकर हैरत होगी कि टैक्स चोरी का यह केस इतना बड़ा है कि डीजीजीआई ने इस मामले में 1 लाख 60 हजार 300 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। एक आरोपी के खिलाफ 11 हजार 450 पन्नों की चार्जशीट तैयार हुई है। केस में अब कुल 14 आरोपी बन गए हैं। इतनी बड़ी चार्जशीट कोर्ट में पेश करना और उसे पढ़ना ही अपने आप में बड़ी चुनौती और कई दिनों का काम है। डीजीजीआई ने जांच के बाद इन सभी कारोबारियों पर टैक्स चोरी के मामले में 497 करोड़ रुपए जमा करने होंगे। छापेमारी के दौरान बरामद 207 करोड़ रुपए पहले से सरकारी खजाने में जमा है। अब इन सभी टैक्स चोरी करने वाले उद्योगपतियों को बची रकम जमा करानी होगी। सरकारी वकील टंडन के अनुसार, ये कर देयता 2 हजार 760 करोड़ रुपए के लेनदेन पर तय हुई है। महानिदेशालय जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआई) अहमदाबाद की टीम ने 23 दिसंबर 2021 को इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कानपुर स्थित आवास और कन्नौज स्थित फर्म पर छापा मारा था। चार दिन चले छापे में दोनों जगहों से 196 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि बरामद हुई थी। साथ ही 23 किग्रा विदेशी मुहर लगा सोना और 600 लीटर चंदन का तेल बरामद हुआ था। पीयूष पर दो मुकदमे दर्ज किए गए थे और 27 दिसंबर को उसे जेल भेजा गया था। 254 दिन जेल में रहने के बाद पीयूष जैन को कोर्ट से जमानत मिली थी।