संवाददाता।
कानपुर। जिले में करीब छह लाख से अधिक लोग छठ पूजा करते हैं। इसको लेकर लोगों में उल्लास है। नगर में 15 बड़े घाट और तालाब सज गए हैं। इन्हें रोशनी से जगमग किया गया है। कानपुर के घाटों पर मिनी बिहार की झलक भी देखने को मिलेगी। पहिले पहिल हम कईनी, छठी मईया व्रत तोहार। करिहा क्षमा छठी मईया, भूल-चूक गलती हमार जैसे गीतों के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ आज से शुरू हो रहा है। पहले दिन नहाय खाय व दूसरे दिन शनिवार को खरना होगा। सुबह से ही व्रती महिलाओं के परिजन डाला तैयार करने के लिए फल और पूजन सामग्री की खरीदारी कर रहे हैं। बाजारों में भीड़ है। वहीं सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन होगा। छठ पर्व की शुरुआत नहाय खाय के साथ होती है। इसमें महिलाओं ने स्नान के बाद घर में लौकी-भात खाकर व्रत की शुरुआत की। व्रती महिलाओं ने छठी मैया का पूजन किया और अखंड ज्योति जलाई। कल महिलाएं निर्जला व्रत की शुरुआत करेंगी। ये व्रत 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद समाप्त होगा। दिवाली के बाद से शुरू होने वाले छठ महापर्व की तैयारी गुरुवार की देर रात तक चलती रही। लोगों ने घाटों के किनारे बेदी में रंगरोगन किया। नगर के विजयनगर, पनकी अर्मापुर, गोविंदनगर, साकेतनगर, बर्रा, नौबस्ता, कल्याणपुर, शास्त्रीनगर में घाटों पर पूजन होगा। कई बेदियों में लोग परिवार के साथ तैयार करते हुए दिखे। घाटों पर स्थित सूर्य मंदिरों को सजाया गया है। नहर के किनारों पर सुरक्षा के लिए रस्सी व बांस बांधे गए हैं। घाटों को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया है। कई जगह आयोजित कार्यक्रमों में कलाकार भी गीतों की प्रस्तुतियां देंगे। घाटों पर नाव से निगरानी की व्यवस्था की जा रही है। गोलाघाट, सरसैयाघाट, बर्रा स्थित सचान चौराहा, दबौली समेत दक्षिण क्षेत्र की नहर किनारे बेदी तैयार की गई हैं। वहीं, विजय नगर, शास्त्रीनगर सेंट्रल पार्क, लाजपत नगर, पांडुनगर समेत नगर के कई मोहल्लों में कृत्रिम घाट भी तैयार किए जा रहे हैं। यहां खोदाई कर टैंकर से पानी भरा गया है। साकेत नगर में सचान नहर के किनारे सफाई कर रहे बर्रा निवासी न रमेश कनौजिया ने बताया कि शुक्रवार से घरों में छठी मईया के गीत गूंजेंगे।