संवाददाता।
कानपुर। नगर के अरौल थाना क्षेत्र के अंतर्गत गुरुवार को स्कूली वैन में ट्रक ने टक्कर मार दी थी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी, की वैन के परखच्चे उड़ गए। वैन में उस समय स्कूली बच्चे सवार थे, बहुत ही दर्दनाक हादसा हुआ जिसमें एक बच्चे की मौत भी हो गई। 8 बच्चे अभी भी घायल है ,जिनमें से दो की हालत गंभीर है। विभागों की लापरवाही की वजह से निजी वाहनों में स्कूली बच्चे लगातार ढोए जाते हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल खाना पूर्ति होती है। कानपुर शहर के स्कूलों के बाहर की तस्वीरों पर नजर डालें तो आपको कुछ ऐसा ही नजर आएगी। जहां बिना मानक के निजी वाहन स्कूली बच्चों को बैठक लाने और ले जाने का काम करते हैं। आंकड़ों की बात की जाए तो कानपुर शहर के अलग-अलग स्कूलों में 2000 से ज्यादा वाहन ऐसे जो निजी काम के उपयोग में आते हैं ।वही वहान स्कूल के बाहर स्कूली बच्चों को लाने और ले जाने का काम करते हैं। समय-समय पर देखा जाता है, की स्कूलों के बाहर कभी पुलिस चेकिंग अभियान चलाती है, कभी प्रशासन की तरफ से स्कूली बच्चों को वाहनों में ले जाने और लाने की संख्या को निर्धारित किया जाता है। लेकिन उसका पालन कोई भी नहीं करता। अरौल में जब गुरुवार को हादसा हुआ, तो ऐसे में एक बार फिर से स्कूलों के बाहर पुलिस वाहन चालकों से पूछताछ करते हुए और चेकिंग करती हुई नजर आई। शहर के सिविल लाइन में कई निजी स्कूल मौजूद है ,जब निजी वाहनों में स्कूली बच्चे बैठ रहे थे तभी ड्राइवर ने कैमरे देख लिए जिसके बाद उन्होंने उन बच्चों को वाहन में ना बैठ कर आगे भेज दिया। जिन वाहनों में स्कूली बच्चे बैठ गए थे और संख्या से ज्यादा थे ,उन बच्चों को ड्राइवर ने डांट दिया ।जिसकी वजह से वह कभी कपड़े से तो कभी वैन के पर्दे डालकर अपने आप को छुपाते रहे। किसी हादसे के हो जाने के बाद चेकिंग के नाम पर खानापूर्ति से सुधार होना मुश्किल है। जब तक मानकों को ताक पर रखने वाले लोगों पर कार्रवाई नहीं होगी। लोग अपनी मनमानी करते रहेंगे। प्रवर्तन अधिकारी विदिशा सिंह ने बताया की लगातार आरटीओ की तरफ से निजी वाहनों से कमर्शियल कार्य किए जाने वाले पर कार्रवाई की जाती है। इसके लिए टीम बनाकर विशेष चेकिंग अभियान भी चलाया जाता है। इस तरह की घटना संज्ञान में आई है, निजी वाहनों में कॉमर्शियल काम करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।