संवाददाता।
कानपुर। नगर के बिल्हौर थाना क्षेत्र में स्थापित आबकारी विभाग की जमीन को राजस्व टीम ने तीन बार नाप की थी। किंतु नाप के चार दिन बाद भी अधिकारियों को स्थिति की रिपोर्ट नहीं मिल सकी। न ही आबकारी विभाग को अपनी जमीन मिली। अंग्रेजी शासन काल में सन 1909 में बिल्हौर में रेलवे क्रॉसिंग के निकट लगभग एक बीघा सात बिस्वा जमीन पर आबकारी कार्यालय स्थापित किया गया था। समय बीतने की साथ-साथ आबकारी कार्यालय के आसपास उसकी जमीन पर कुछ अस्थाई दुकानों और कुछ निर्मित मकानों के माध्यम से कब्जा कर लिया गया। लगभग तीन माह पूर्व विभागीय अधिकारियों की पहल पर अस्थाई दुकानदारों को हटाकर जमीन की पैमाइश की गई। पैमाइश के दौरान विवाद बढ़ने से पैमाइश रोक दी गई। मौके पर मौजूद लगभग सोलह बिस्वा जमीन की तार से घेरे बंदी कर गेट लगा दिया गया। मामला सुर्खियों में आने के बाद विभागीय अधिकारियों की पहल पर एक बार फिर पैमाइश की गई। किंतु स्थित जस की तस ही रही। इसी क्रम में भूमि की नाप कर कब्जा मुक्त कराए जाने के लिए राजस्व अधिकारियों द्वारा एक टीम गठित की गई। गठित टीम के द्वारा बीते शनिवार को एक बार पुनः भूमि की पैमाइश की गई। लोगों की माने तो आबकारी विभाग के निकट हो रही प्लाटिंग की भूमि में चार लट्ठा भूमि सम्मिलित पाई गई। पश्चिमी दिशा में निर्मित मकानों में भी कुछ निर्माण आबकारी विभाग की भूमि पर पाए गए हैं। राजस्व कर्मचारी अभी भूमि की नाप कर ही रहे थे कि तभी फिर विवाद की स्थिति उत्पन्न होने लगी और राजस्व टीम वापस लौट आई। एक बार फिर आबकारी विभाग के लिए समस्या जस की तस बनी रही। राजस्व अधिकारियों के अनुसार नाप करने गई टीम के द्वारा अभी तक फाइनल रिपोर्ट उन्हें नहीं सौंपी गई है। दो दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद ही स्थिति साफ हो सकेगी।