संवाददाता।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर और एयरबस ने भारतीय एयरोस्पेस क्षेत्र में प्रतिभा विकास को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। पूर्व में आईआईटी कानपुर के पूर्व निदेशक प्रो. अभय करंदीकर और एयरबस इंडिया और दक्षिण एशिया के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक रेमी माइलार्ड के बीच हस्ताक्षर किए गए। इस सहयोग के तहत, दोनों संस्थाएं उन्नत प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान को बढ़ावा देंगी।भारत में एयरोस्पेस छात्रों के लिए तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कार्यक्रम और गतिविधियां विकसित करेंगी। दोनों संगठन वैश्विक संस्थानों के साथ सहयोग के अवसर भी तलाशेंगे, जहां छात्रों को एयरोस्पेस क्षेत्र से संबंधित परियोजनाओं पर काम करने का मौका मिलेगा। इस साझेदारी का उद्देश्य एक सहयोगी संस्कृति का निर्माण करना है, जो आईआई टी कानपुर के छात्रों को मार्गदर्शन, अनुभव प्रदान करेगा। इन क्रॉस-स्किलिंग अवसरों के माध्यम से बनाए गए तालमेल से देश में एयरोस्पेस उद्योग के विकास को बढ़ावा भी मिलेगा।
संस्थान के कार्यवाहक निदेशक प्रो. एस गणेश ने कहा कि “आईआईटी कानपुर प्रौद्योगिकी-आधारित क्षेत्रों में नवाचार, अनुसंधान और उद्यमशीलता गतिविधियों का समर्थन करने के अपने दृष्टिकोण को लगातार आगे बढ़ा रहा है। एयरोस्पेस इस प्रयास में प्रमुख क्षेत्रों में से एक है। एयरबस ग्रुप के साथ यह सहयोग एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सहयोग संस्थान में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग छात्रों के उद्योग अनुभव को बढ़ाने के लिए मददगार साबित होगा।”
एयरबस इंडिया और दक्षिण एशिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रेमी माइलार्ड ने कहा कि “एयरबस में हम भारत में एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं। हम शिक्षा और कौशल विकास में निवेश करना जारी रखेंगे, जिससे देश में सक्षम कार्यबल के निर्माण में मदद मिलेगी। यह समझौता ज्ञापन अगली पीढ़ी के प्रौद्योगिकी लीडरों को विकसित करने के लिए शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण में एयरबस की विशेषज्ञता और आईआईटी कानपुर की क्षमताओं का उपयोग करेगा। देश में तेजी से विकसित हो रहे एयरोस्पेस परिदृश्य की क्षमता को मजबूत करेगा।”
आईआईटी कानपुर में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रो. जीएम कामथ ने कहा कि “आईआईटी कानपुर का एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग ऐतिहासिक रूप से मजबूत उद्योग अकादमिक कनेक्शन बनाने और हमारे छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए और उद्योग जगत की मांग को पूरा करने में हमारे शोध का लाभ उठाने के मामले में सबसे आगे रहा है।