संवाददाता।
कानपुर। नगर में डेंगू के साथ-साथ हाई ग्रेड वायरल फीवर तेजी से फैल रहा है। रोजाना मरीजों की संख्या ओपीडी में बढ़ती जा रही है। ऐसे में डेंगू और हाई ग्रेड फीवर वाले रोगियों के सैंपल केजीएमयू लखनऊ भेजे गए थे, जिनकी रिपोर्ट 13 दिन बीत जाने के बाद नहीं आई है। ऐसे में डॉक्टरों का कहना है कि इलाज कर पाना बहुत मुश्किल हो जाता है, जब तक सही मर्ज का पता नहीं चलेगा तब तक मरीजों को लगातार दवा देना भी ठीक नहीं है। स्क्रब टायफस की जांच के लिए 2 सितंबर को 21 सैंपल कानपुर मेडिकल कॉलेज के माइक्रो-बायोलॉजी विभाग की तरफ से भेजे गए थे। बता दें कि स्क्रब टायफस की जांच लखनऊ के केजीएमयू में ही हो रही है। पूरे 13 दिन बीत जाने के बाद भी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। ऐसे में डॉक्टर अपने-अपने अनुभव से इलाज कर रहे हैं। डॉ. एसके गौतम ने बताया कि जो भी मरीज तेज बुखार में आ रहे हैं। उन्हें तत्काल भर्ती किया जा रहा है, लेकिन उनके अंदर डेंगू मलेरिया हाई ग्रेड फीवर के मिश्रित लक्षण देखने को मिल रहे हैं। लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि इनको सही बीमारी क्या है, कौन सा वायरस इनको अटैक कर रहा है। हर ओपीडी में इन दोनों 10% मरीज तेज बुखार के आ रहे हैं। कानपुर मेडिकल कॉलेज की हैलट ओपीडी और उर्सला में रोज के मुताबिक मरीजों की संख्या बढ़ गई है। पिछले 24 घंटे के अंदर 10 मरीजों को भर्ती भी किया जा चुका है। मेडिकल कॉलेज के संचारी रोग नोडल अधिकारी व सीनियर फिजीशियन डॉ. बीपी प्रियदर्शनी ने बताया कि जिन मरीजों में तेज बुखार की समस्या है, उनके अंदर लिवर से संबंधित भी समस्याएं देखने को मिल रही है, जो भी मरीज ओपीडी में आए हैं उनके अंदर भूख न लगना, उल्टी महसूस होना जैसी शिकायतें है। हाई ग्रेड वायरल फीवर की चपेट में कई इलाके शामिल है। नवाबगंज, श्यामनगर, कल्याणपुर, शिवराजपुर, पांडूनगर, ग्वालटोली, स्वरूपनगर जैसे इलाकों में यह बुखार फैला हुआ है। इन इलाकों में डेंगू फैलाने वाले मच्छरों का लार्वा भी मिला है। इसलिए इन इलाकों में रोज फागिंग भी कराई जा रही है। लेकिन डेंगू थमने का नाम नही ले रहा है।