लावारिस अधेड़ की उर्सला के इमरजेंसी में नर्सो की लापरवाही से मौत।
संवाददाता।
कानपुर। नगर के हैलट अस्पताल के बाद उर्सला अस्पाल में भी एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। अस्पाताल में भले ही इमरजेंसी हर वर्ग के लिए हो लेकिन यहां लावारिस मरीजों पर ध्यान नहीं दिया जाता है। इसके चलते शुक्रवार सुबह एक लावारिस 45 साल के अधेड़ की मौत हो गई। उसका दोष सिर्फ इतना था कि वह मानसिक रूप से विक्षिप्त था और लावारिस था। गुरुवार को एक अज्ञात वाहन की टक्कर से अधेड़ घायल हो गया था। घायल को राहगीरों ने उर्सला की इमरजेंसी में भर्ती करा दिया था। अधेड़ के सिर पर गंभीर चोट आई थी, जिसके कारण वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। अधेड़ के सिर के साथ पैरों में भी चोट थी, जिसकी वजह से उसकी हालत खराब थी और वह ठीक से सांस भी नहीं ले पा रहा था। उर्सला अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती मरीज के मुंह में दिखावें के लिए वहां तैनात नर्स ने ऑक्सीजन मास्क लगा दिया। मास्क लगाने के बाद ऑक्सीजन की सप्लाई चालू नहीं की, जब मरीज तड़पने लगा तो वहां मौजूद तीमारदारों ने नर्स से जाकर शिकायत की। तीमारदारों का आरोप है कि नर्स ने कहा कि अपने-अपने मरीज को देखों दूसरों की चिंता न करों। इसके बाद वहां पर समाज सेवी तरनजीत सिंह लावारिस मरीजों को खाना खिलाने पहुंचे तो उन्होंने देखते ही नर्स से शिकायत की तो नर्स ने आश्वासन दिया की वार्ड बॉय के आने के बाद सप्लाई शुरू की जाएगी। लावारिस अधेड़ का बिस्तर तक नर्स ने नहीं बदला। खून से लथपथ बिस्तर पर मरीज पड़े तड़पता रहा। उसके सिर पर पट्टी कर दी गई थी लेकिन उसके बाद भी खून बंद नहीं हो रहा था और बुधवार सुबह मरीज ने इमरजेंसी में ही दम तोड़ दिया। इसके बाद सूचना पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने शव का पंचायत नामाभर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। उर्सला के निदेशक डॉ. एसपी चौधरी ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है। मामले की जांच कराई जाएगी।