संवाददाता।
कानपुर। जनपद की बिल्हौर तहसील परिसर में अधिवक्ता पीके चतुर्वेदी के चेंबर पर कुछ अधिवक्ताओं द्वारा जबरन कब्जा कर निर्माण कराया गया था। मामले में पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने पर अधिवक्ता ने बार काउंसिल की प्रदेश शाखा में मामले की शिकायत की। बार काउंसिल द्वारा बार एसोसिएशन के स्थानीय अध्यक्ष को पत्र भेजकर अधिवक्ता के चैंबर को कब्जा मुक्त कराने का आदेश दिया गया।
वरिष्ठ अधिवक्ता पीके चतुर्वेदी के अनुसार बिल्हौर तहसील परिसर में स्थित उनके चेंबर पर कुछ अधिवक्ताओं ने बीते 17 सितंबर की रात बलपूर्वक कब्जा कर नया निर्माण करा लिया गया और उनका फर्नीचर व नेम प्लेट आदि को हटाकर फेंक दिया गया। कब्जे का विरोध करने पर उन्हें भद्दी भद्दी गालियां दीं और जान से मारने की धमकी दी। उनके द्वारा मामले को लेकर जेसीपी से शिकायत की गई, जिसमें उन्होंने स्थानिक पुलिस को कार्रवाई की निर्देश दिए, किंतु इसके बावजूद अवैध कब्जा और निर्माण को नहीं रोका गया। पीड़ित अधिवक्ता ने अंततः बार काउंसिल की प्रदेश शाखा में मामले की शिकायत की। जिस पर बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने अधिवक्ताओं को नोटिस जारी कर निर्धारित तिथि पर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया। निर्धारित तिथि पर वादी अधिवक्ता द्वारा मौके पर पहुंचकर चेंबर से संबंधित अपने सभी साक्ष्य प्रस्तुत किए गए, किंतु प्रतिवादी अधिवक्ता मौके पर नहीं पहुंचे। इसके बाद बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ के द्वारा बिल्हौर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रविनेश यादव को पत्र लिखकर कब्जा धाराक अधिवक्ताओं से पीड़ित अधिवक्ता का चेंबर एक सप्ताह में कब्जामुक्त कराने और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से बचने का आदेश दिया। आदेश का पालन न होने पर विपक्षी अधिवक्ताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की बात कही।