संवाददाता।
कानपुर। नगर के बिठूर थाना क्षेत्र में एक हैरत में डाल देने वाली घटना हुई थी। मदरसा जो कि शिक्षा का एक पवित्र स्थल है जहां पर शिक्षा ग्रहण करने वाली छात्रा से दो वर्षों से लगातार बलात्कार करा जा रहा था। जिसमे मुख्य शिक्षक कारी मोहम्मद अहमद मूल रूप से ग्राम धनसरी थाना जरवल रोड़ जनपद बहराईच। जिसने छात्रा के साथ दो वर्षों तक लगातार बलात्कार किया है। जिसमे आरोप लगाया गया था कि मोनिश रजा पुत्र शमीम खान व शाहरूख पुत्र मोहम्मद शाहिद निवासी 117/पी, 246 तिकारी नगर काकादेव व विपक्षी की पत्नी निदा बानो ने एक साजिश रचकर नाबालिग के साथ बलात्कार करवाया था। बलात्कार की वीडियो व फ़ोटो भी बनाई गई थी। जिसका उद्देश्य ये राज़ न खोलने की शर्त पर वैश्यावृति की ओर धकेलना था। पीड़ित परिवार का कहना है। ये गैंग इस तरह से कई लड़कियों को पहले भी अपना शिकार बना चुका है। जिनका प्रयोग अपने लाभ के लिए करता है। और वर्षो से करता चला आ रहा है। इसको लेकर नाबालिग छात्रा ने पुलिस कमिश्नरेट को एक प्रार्थना पत्र सौंपा है।जिसमे उसका कहना है कि मुख्य आरोपी की पत्नी समेत दो अन्य अरोपियों का नाम पूर्व में दिए प्रार्थना पत्र में अंकित किया था परंतु उनकी पुलिस से सॉठ-गाँठ होने के कारण नाबालिग द्वारा दिये गए नाम को विवेचना के दौरान प्रकाश में नही लाया गया। इस कारण आरोपियों का साहस और बढ़ गया और नाबालिग को आते-जाते रास्ते में छेड़छाड़ करने लगे व नाबालिग के पिता को रोककर गंदी गंदी गालियां देते है, नाबालिग के मोहल्ले में जाकर उससे तानाकसी कर पूरे परिवार को जान से मारने देने की धमकी लगातार देते आ रहे है। जिससे नाबालिग को व उसके पूरे परिवार को जान का खतरा बना हुआ है। उनका परिवार बुरी तरह डरा व सहमा है। पीड़िता के परिवारिकजनों का कहना है कि मदरसा संचालक का ये कोई पहला केस नहीं है इसने पूर्व में भी कई गरीब मासूम लड़कियों को अपनी हवस का शिकार बना चुका है,जिन्होंने इज़्ज़त जाने के डर से कार्यवाही करने से इनकार किया था। विश्ववार्ता ने पूर्व में इस खबर को प्रकाशित किया था जिससे पीड़िता की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी कारी मोहम्मद अहमद को पुलिस ने पाक्सो एक्ट एवं अन्य समुचित धाराओं में जेल भेजने की कार्यवाही की गई थी , परंतु गैंग के अन्य सदस्यों ने अपना नाम हटवा लिया था जिससे मुख्य आरोपी की सहायता कर उसे जेल से बाहर निकलवा सके साथ ही अपने फैलाये हुए संजाल को सुचारू रूप से संचालित करते रहे। कार्यवाही मे बिठुर थानाक्षेत्र के ही नारामऊ कछार में चल रहे इसी मदरसा फैजान ए भरकात में नाबालिग से बलात्कार के आरोप में संचालक को तो जेल भेज दिया गया था लेकिन इलाकाई जनता एवं जानकारों का कहना था कि पुलिस द्वारा मामले में आधी अधूरी तफ्तीश ही की गई थी जिसके कारण ये संदेह का लाभ पाकर अदालत से जल्दी बरी हो सकता है। अगर ठीक से जांच होती तो शिक्षा और झाड़ फूंक के नाम पर जालसाजी, ठगी और शोषण करने वाला बहुत बड़ा रैकेट पकड़ में आता। रैकेट के तार कानपुर नगर से लेकर फर्रुखाबद के कन्नौज तक फैले है। गैंग के लोग टोने-टोटके और दुआ ताबीज के नाम पर युवक व युवतियों और परिवारों को फंसा कर लाते है। और हर एक क्लाइंट से 20 से 25 हजार तक की रकम वसूली जाती है। एक व्यक्ति पर फूंक डालने के 600 रुपए तक वसूला जाता है। इस प्रकार लोगो की धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुचाते हुए ये आरोपी उनका शारीरिक शोषण करते है। और उन्हें भी वेस्यावृति की तरफ धकेलने का काम करते है। इन लोगो की वजह से ही लोग धार्मिक भावनाओं को मानना कम कर देते है। ये आरोपी शिक्षा और धार्मिक भावनाओं के दुश्मन बने बैठे है। और कई गरीब परिवारों को अपना शिकार बना चुके है व इनका यह कार्य निरंतर जारी है।बताते है कि मुख्य आरोपी जेल से ही बैठकर अपने गैंग का संचालन कर रहा है। प्रशासन को इस मामले में जल्द ही कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए जिससे कि ये आरोपीजन सुधरे व अन्य कोई ऐसा कार्य करने का प्रयास न करे।









