November 21, 2024
  • संजीव कुमार भटनागर

धनु राशि छोड़कर
मकर में दिनकर
उत्तरायन से अब
दिन बढ़ते चले|

धरती सज गयी है
हरियाली छा गयी है
खग विहग चहके
सरसों पुष्प फले|

शीत कम होती जाती
धूप सभी को सुहाती
मकर संक्रांति को
खिचड़ी स्वाद खिले|

ऋतु बसंत आयी है
उमंग मन छायी है,
नभ पतंग से भरा
रेवड़ी लड्डू मिले|

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