September 8, 2024

संवाददाता।
शुक्लागंज।
शुक्लागंज मे जय माता दी के जयकारों के साथ ही रविवार को माता के मंदिरों में भक्तों की भीड़ लग गई। मां के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठे। सुबह होते ही भक्त मंदिर में पहुंचे पूजा-अर्चना में जुट गए। व्रत रखने वालों ने व्रत रखा और बाजार में व्रत के सामान की जमकर खरीदारी की। व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं में महिलाओं की संख्या ज्यादा रही। मंदिरों में प्रथम दिन माता शैलपुत्री की पूजा की गई। मंदिर के पुजारियों के अनुसार शैलपुत्री माता का यह रूप अनेक नामों से लोक प्रसिद्ध है। सती, पार्वती, दुर्गा, उमा, अपर्णा, गौरी, महेश्वरी, शिवांगी, शुभांगी, पर्वतवासिनी आदि नाम शामिल हैं। पूर्व जन्म में इनके पिता दक्ष थे। राजा दक्ष ने प्रजापति होने पर यज्ञ किया पर अपने दामाद शिव को निमंत्रण नहीं दिया। भगवान शंकर की अनुमति के बिना सती अपने पिता के यहां चली गई। यज्ञ स्थल पर पहुंचने पर सती का तिरस्कार हुआ। इस पर सती यज्ञ की अग्नि में कूद पड़ी। सती का अगला जन्म शैलराज की पुत्री पार्वती के रुप में हुआ। रविवार सुबह से ही दर्शन करने को शुक्लागंज के राजधानी मार्ग स्थित प्राचीन मंदिर में माता रानी के दर्शन पाने को लंबी-लंबी श्रद्धालुओं की कतार लगी रही। भक्तो ने बताया कि वह हर बार नवरात्र में व्रत रखते हैं। बीते शुक्रवार, शनिवार को ही उन्होंने व्रत का सारा सामान खरीद लिया था। सुबह जल्दी उठ कर वे तैयार हुईं। घर में क्लश की स्थापना की और पूजा अर्चना के मंदिरों में गए। मंदिर में गए तो वहां पर पहले से ही लंबी लाइन लगी हुई थी। मत्था टेकने के लिए काफी देर में उनका नंबर आया। नवरात्र के शुरू होते ही बाजार में पूजन सामग्री में भारी उछाल आ गया है। व्रत में प्रयोग होने वाले खाद्य पदार्थों से लेकर पूजन सामग्री खरीदना लोगों के बस से बाहर हो गया है। बाजार में पांच रुपए वाली चुनरी 10 रुपए की चुनरी रुपए में मिल रही है। नारियल 20 की जगह 25 और कलश 15 की जगह 20 रुपए में मिल रहा है। 

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