संवाददाता।
उन्नाव। नगर में गंगाघाट नगर पालिका परिषद का पिछले साल का स्वच्छ सर्वेक्षण का आकलन घोषित किया गया है। कई सालों से नंबर एक रही पालिका इस बार फिसड्डी साबित हुई। आखिरकार पांचवें पायदान पर नीचे खिसक गई। जिससे पालिका को एक बड़ा झटका लगा है। जगह-जगह कूड़े और कचरे के बजबजा रहे नाले और ठीक से सफाई न होना इसका कारण बताया जाता है। वर्ष 2019-20 में उत्तर भारत में पालिका गंगाघाट का स्थान प्रथम रहा था, उस समय तत्कालीन अधिशाषी अधिकारी सुनील मिश्रा ने सफाई व्यवस्था की कमान संभाली थी। वहीं वर्ष 2021-22 में भी गंगाघाट टाउन में प्रथम स्थान पर रहा था। इस बार सफाई व्यवस्था ठीक से न होने के कारण पालिका को मुंह की खानी पड़ी। इस साल गंगाघाट टाउन स्वच्छ सर्वेक्षण में पांचवें स्थान में सफाई के मामले में पालिका रही है। बता दें कि 650 निकाय में पांचवा स्थान दिया गया है।एसवीएम प्रभारी अनूप शुक्ला ने बताया कि कहीं न कहीं सफाई व्यवस्था में खामियां रही हैं। वह सफाई पर विशेष ध्यान रखते हैं। वहीं देखा जाए तो राजधानी मार्ग के दोनों नालों की सफाई न होने के कारण बजबजा रहे हैं। जबकि पालिका के पास अब सफाई के सारे संसाधन उपलब्ध हैं। इसके बावजूद ठेके पर सफाई व्यवस्था होने के कारण लोगों को सफाई व्यवस्था न होने का दंश झेलना पड़ रहा है। गंगा घाट पालिका की पोल तब खुलती है, जब बरसात में पहली बारिश होती है। बारिश के आधे घंटे बाद ही शहर की मुख्य मार्ग से लेकर प्रमुख गलियां पानी से भर जाती हैं और लोगों के घरों तक पानी पहुंच जाता है। उसे निकालने में हफ्तों तक समय लगता है। कहीं ना कहीं पालिका की लापरवाही के चलते लोगों को मुसीबत से जूझना पड़ता है।