संवाददाता।
कानपुर। नगर में बार कौंसिल ऑफ़ यूपी के उपाध्यक्ष ने बताया कि अगले दो दिनों तक अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत रहने और हड़ताल का ऐलान किया है।हापुड़ में अधिवक्ताओं पर लाठी चार्ज को लेकर अधिवक्ता लगातार विरोध कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 8 सितंबर को हुई मीटिंग में चेयरमैन की बैठक में हड़ताल वापस लेने की बात कही गई थी। लेकिन दोबारा बैठक कर उपाध्यक्ष के लेटर हेड से हड़ताल को फिर से जारी रखने का फैसला किया गया। अधिवक्ताओं के हित में लड़ाई जारी रहेगी ,जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता है। कानपुर कचहरी में भी अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे हैं। सिविल लाइन स्थित कानपुर कचहरी में भी अधिवक्ता हापुड़ की घटना को लेकर लगातार विरोध कर रहे हैं। बार कौंसिल ऑफ यूपी के ऐलान पर कानपुर में भी अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे और हड़ताल रखी। कचहरी परिसर में वकीलों के चेंबर तो खुले लेकिन उन्होंने न्यायालय संबंधी जुड़े हुए कामों को नहीं किया। अधिवक्ताओं का कहना है कि जब तक हापुड़ में हुई घटना मामले में दोषी पुलिसकर्मियों पर उचित कार्रवाई नहीं की जाएगी। तब तक हड़ताल इसी तरह से जारी रहेगी। बार कौंसिल ऑफ़ यूपी के उपाध्यक्ष अनुराग पांडे ने बताया कि 8 सितंबर को एक बैठक प्रयागराज में की गई थी, जिसमें चेयरमैन के द्वारा हड़ताल वापस लेने की बात कही गई थी। लेकिन उसमें सभी सदस्यों के साथ मेजोरिटी से फैसला नहीं हुआ था। इसलिए दोबारा मीटिंग की गई, जिसमें मेजोरिटी के साथ सदस्यों ने हड़ताल वापस न लेने की बात कही। इसलिए 11 सितंबर और 12 सितंबर को अधिवक्ताओं की हड़ताल का एलान का फैसला बार कौंसिल ऑफ यूपी के उपाध्यक्ष के द्वारा लिया गया है। उनका कहना है कि जब तक हापुड़ की घटना के मामले में अधिवक्ताओं को न्याय नहीं मिल जाएगा, हड़ताल जारी रहेगी।