May 24, 2025

आ स. संवाददाता

कानपुर। चैत्र नवरात्रि‍ में देवी दुर्गा की अराधना में शनिवार को माता के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा अर्चना की गई। इसके उपरांत माता के कन्या स्वरूप में छोटी-छोटी कन्याओं का भी पूजन कर चना और हलवा तो कहीं दही के साथ जलेबी का प्रसाद ग्रहण कराया गया। नवरात्रि के आठवें दिन महाअष्टमी को कन्या पूजन से पहले महागौरी की पूजा का विधान है। 

महागौरी की पूजा अत्यंत कल्याणकारी और मंगलकारी है। मान्यता है कि सच्चे मन से अगर महागौरी को पूजा जाए तो सभी संचित पाप नष्ट हो जाते हैं और भक्त को अलौकिक शक्तियां प्राप्त होती हैं। मां महागौरी को माता माना जाता है। वे अपने भक्तों को बच्चों की तरह प्यार करती हैं। ऐसा माना जाता है कि मां महागौरी की पूजा करने से सारे दुख दूर हो जाते हैं। अगर किसी की शादी में परेशानी है, तो वह भी ठीक हो जाती है। मां महागौरी की पूजा से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। वे महादेव की पत्नी हैं। माता के भक्तों ने सुबह स्नान करके, सफेद वस्त्र पहनकर माता को सफेद फूल अर्पित करके मां को प्रसन्न करने का काम किया । इसके बाद उन्हे हलवा, चना और पूड़ी का भोग लगाकर उनकी आरती की गयी।  

दुर्गाष्टमी के दिन नगर में जगह जगह कन्या भोज के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जहां भक्तो ने माता रानी के दर्शन के साथ भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया। नगर के सबसे प्रसिद्ध बिरहाना रोड स्थित तपेश्वरी देवी,शास्त्री नगर स्थित काली मठिया,शुक्लागंज स्थित माता दुर्गा देवी,किदवई नगर स्थित जंगली देवी,बाराह देवी, कल्याणपुर स्थित आशा देवी मन्दिर समेत अनेकों  मन्दिरों में अष्टमी का भोग माता रानी को लगाया गया। माता के दर्शन, पूजन के लिए मन्दिरो में सुबह से ही भक्तों का जनसैलाब उमड़ा जो देर रात तक जारी रहा ।