
आ स. संवाददाता
कानपुर। आईआईटी कानपुर में डेढ़ महीने के भीतर साइबर सिक्योरिटी लैब से ही दो यौन उत्पीड़न के मामले सामने आए है । दोनों ही मामलों में ही शादी का झांसा देकर यौन शोषण किया गया। दोनों मामलों को पहले आईआईटी प्रशासन ने अपने स्तर से दबाने का प्रयास किया । बाद में दोनों मामलों में एफआईआर दर्ज हुई। यह सब देश की दिग्गज साइबर सिक्योरिटी लैब सी-3 आई हब में हुआ।
अब इस लैब के वाइस प्रेसीडेंट भी पुलिस की जांच के दायरे में आ गए हैं। आईआईटी कानपुर में साइबर प्रोजेक्ट में काम करने वाली 25 साल की नॉर्थ ईस्ट की रहने वाली इंजीनियर ने तहरीर में उन पर मदद न करने का आरोप लगाया है। अब पुलिस जल्द ही पूरे मामले को लेकर वाइस प्रेसीडेंट से पूछताछ करेगी।
आईआईटी कानपुर में साइबर प्रोजेक्ट में काम करने वाली 25 साल की इंजीनियर युवती अरुणांचल प्रदेश की रहने वाली है। उसने प्रोजेक्ट मैनेजर शुभम मालवीय के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। यह मामला करीब डेढ़ महीने तक दबा रहा। जब पीड़िता के मामले में आईआईटी प्रशासन ने आरोपी पर कोई एक्शन नहीं लिया। इसके बाद उसने प्रोजेक्टर मैनेजर के खिलाफ कल्याणपुर थाने में 26 जनवरी को एफआईआर दर्ज कराई है।
युवति ने तहरीर दी है कि उसने 27 दिसंबर को अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के केस की जानकारी साइबर सिक्योरिटी लैब के उच्च प्रबंधन को दे दी थी। लैब के वाइस प्रेसीडेंट रोहित नेगी ने कहा था कि मामले को लेकर मुझसे संपर्क करेंगे, लेकिन उन्होंने कोई संपर्क नहीं किया। इससे यह लगता है कि वह मामले को दबाने में लगे थे।
इस मामले को लेकर डीसीपी वेस्ट राजेश कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि युवति ने तहरीर में मुख्य आरोपी शुभम मालवीय के साथ ही अन्य दोस्तों और लैब के वाइस प्रेसीडेंट रोहित नेगी का नाम लिखा है। इस मामले को लेकर इन सभी से पूछताछ की जाएगी।
पीड़िता इंजीनियर को हिन्दी की जानकार नहीं है। उसने अंग्रेजी में तहरीर लिखी थी। फिर उसे एआई से हिन्दी में ट्रांसलेट किया गया। इस कारण से तहरीर में कई गलतियां थीं और वाक्य विन्यास भी गलत थे। इसी तहरीर के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई थी। पीड़िता का कहना है कि उसने आईआईटी प्रशासन से हिन्दी ट्रांसलेटर मांगा था। मगर उसे नहीं दिया गया।