
आ स. संवाददाता
कानपुर। नगर के रायपुरवा थानाक्षेत्र निवासी बुजुर्ग विधवा के साथ इलाके के ही दो शातिरों ने ठगी कर दी। ठगों ने विधवा वृद्धा को विश्वास में लेकर पहले तो उसके बैंक खाते से उसका मोबाइल नंबर हटवाकर अपना मोबाइल नंबर चढ़वाया, फिर कुछ महीनों में धीरे धीरे वृद्धा और उसके इकलौते बीमार बेटे के खाते से भी लगभग 15 लाख रुपए पार कर दिए।
विधवा को रायपुरवा थाने में शिकायत करने पर बार बार टरकाया गया। फिर कमिश्नर के सामने पेश होने पर साइबर सेल पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज करके खानापुरी कर दी।
इधर धनाभाव में अस्पताल में वृद्धा बिल नहीं चुका पाई, और बीमार बेटे ने दम तोड़ दिया। अब ये विधवा बेसहारा हो गई है।
रायपुरवा थानाक्षेत्र में राखी मंडी, झकरकटी निवासी पुष्पा दिवाकर ने बताया कि इलाके के ही शक्कर मिल खलवा निवासी उत्कर्ष जायसवाल और झकरकटी के ही चम्बा रोड निवासी उसके दोस्त मंजीत कुमार को अपने बेटों की तरह मानती थीं। इन दोनों ने शुरू में विश्वास में लेकर, स्टेट बैंक के रेलबाजार शाखा ले जाकर केवाईसी के नाम पर कुछ कागजों पर हस्ताक्षर करवा लिए। बाद में पैसे निकालने बैंक जाने पर पता चला की उनके अकाउंट से कुछ दिनों मे नौ लाख पचास हजार रुपए किन्हीं दूसरे खातों में ट्रांसफर कर दिए गए। वहीं उनके बेटे के खाते से भी पूरे पांच लाख रुपए निकल गए हैं। पूछने पर बैंक स्टाफ ने बताया कि मैसेज इसलिए नहीं आए क्योंकि खाते में कोई और मोबाइल नंबर चढ़ा है। देखने पर पीड़िता को पता चला कि ये मोबाइल नंबर उत्कर्ष जायसवाल का है। वहीं जिन खातों में पैसा ट्रांसफर किया गया, वो खाते भी उत्कर्ष जायसवाल और मंजीत उर्फ मोनू के घर वालों के हैं।
पीड़िता ने रोते हुए बताया कि एक तो एप्लीकेशन में दोनों आरोपियों के पूरे नाम, पत्र और नंबर दिए जाने के बावजूद पुलिस ने खेल किया, और बिना नाम के एफआईआर दर्ज कर ली। वहीं बिना पैसों के इकलौते बेटे का इलाज रुक गया और उसकी मौत हो गई।
पीड़ित वृद्धा पुष्पा के अनुसार आरोपियों उत्कर्ष जायसवाल और मंजीत उर्फ मोनू के खिलाफ पहले से भी रायपुरवा समेत कई थानों में मुकदमे दर्ज हैं। इसके बावजूद पुलिस ने इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। केवल आरोपियों के संबंधियों के उन 5 खातों को सीज किया, जिनमें रकम ट्रांसफर हुई। अब एफआईआर होने पर जहां आरोपी उनको सड़क पर रोक कर धमकी देते हैं वहीं पाकिस्तान के कोड वाले नंबरों से भी कॉल करके उनको जानमाल की धमकियां दी जा रही हैं।