
संवाददाता
कानपुर। चकेरी पुलिस से परेशान बैंक की रिकवरी करने वाले युवक ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। पुलिस झगड़े के एक मामले में युवक और उसके परिवार के लोगों पर दबाव बना रही थी। इस कारण पुलिसवाले बार बार घर के चक्कर काट रहे थे और युवक इधर उधर भाग रहा था।
परिजनों का आरोप है कि पुलिस दबंगों से ही तहरीर लेकर बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर अब उसे परेशान कर रही थी। इससे दुखी होकर बेटा कई-कई दिनों तक घर से गायब रहता था। कल देर रात घर आया और फिर उसने खुदकुशी कर ली।
रेलबाजार थाना क्षेत्र के मीरपुर कैंट निवासी सुमित सिंह का पुत्र विधान सिंह बैंक की रिकवरी करने के लिए एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था। विधान के घर में पिता सुमित और मां नीरज सिंह, छोटा भाई निश्चल सिंह रहता है।
चाचा विपिन सिंह ने बताया कि करीब 1 माह पूर्व भतीजा विधान सिंह श्याम नगर स्थित एक जगह पर रिकवरी के लिए गया था। वहां से लौटते समय छप्पन भोग के पास कुछ नशेबाज युवकों से गाड़ी टकरा गई। इसके बाद दोनों पक्षों में विवाद हो गया।
विपिन सिंह ने बताया कि संदीप नगर सनिगवां निवासी पुलिस कर्मी महेश चंद्र माथुर के बेटे चंद्रशेखर माथुर ने चकेरी थाने में विधान के खिलाफ मारपीट का मुकदमा दर्ज कराया था। महेश चंद्र वर्तमान में लखनऊ में तैनात है। इसके बाद करीब 15 दिन पहले पुलिस घर आई थी।
इसके बाद से भतीजा डर के मारे इधर-उधर भागता रहा। हम लोगों ने श्याम नगर चौकी इंचार्ज से बात की। समझौता कराने के नाम पर भी पुलिस कई बार घर आई। ऐसे में वो काफी डर गया था।
परिजनों के मुताबिक चंद्रशेखर के पिता पुलिस में हैं। इसलिए चकेरी पुलिस लगातार दबाव बना रही थी, हम लोगों की कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। इस डर से विधान घर से दो-दो दिन तक गायब रहता था।
कल विधान रात में घर आया और अपने कमरे में जाकर फांसी लगा ली। सुबह करीब 4 बजे मां कमरे में पहुंची तो बेटे का शव फंदे से लटका देख उसके होश उड़ गए।
सूचना पर पहुंची रेलबाजार पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। इसके बाद परिजनों से पूछताछ कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
परिजनों का ये भी आरोप है कि पुलिस बार-बार एफआईआर की बात कह रही थी, लेकिन जब भी पुलिस से एफआईआर की कॉपी मांगी तो हम लोगों को उपलब्ध नहीं कराई थी। मुकदमे में कौन-कौन सी धारा लगाई गई ये भी नहीं बताया जा रहा था।
चकेरी इंस्पेक्टर संतोष शुक्ला ने बताया कि विधान सिंह नाम से कोई एफआईआर नहीं हुई है। चौकी इंचार्ज से भी पूछा जाएंगा कि किस मामले में इसका नाम संज्ञान में आया है। अभी फिलाहल हमारे पास विधान सिंह का कोई मामला सामने नहीं आया हैं।