February 5, 2025

कानपुर। घाटमपुर के नेयवेली पावर प्लान्ट के बिजली उत्पादन के लिए रामगंगा कमाण्ड की पश्चिमी शाखा सालाना लगभग 80 लाख क्यूसेक पानी मुहैया करावएगी। इस पावर प्लान्ट की पहली यूनिट का उद्घाटन होने के साथ 660 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो सकेगा। इसके शुरु होने के बाद से प्लांट संचालन के लिए निचली रामगंगा नहर की पश्चिमी शाखा 80 लाख क्यूसेक पानी सालाना मुहैया कराएगी। जिसके ऐवज में पावर प्लांट सिंचाई विभाग को 4.80 करोड़ की रॉयल्टी अदा करेगा। प्लांट में पानी लाने के लिए 49.5 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाई गई है। प्लांट में रोजाना 8 हजार टन कोयले की खपत होगी।घाटमपुर के यमुना तटवर्ती स्थित नेयवेली उत्तर प्रदेश पावर लिमिटेड (एनयूपीपीएल) में पहली यूनिट का एक अगस्त से ट्रायल शुरू हो गया था। लगभग एक महीने में ट्रायल पूरा होने के बाद अब सितंबर महीने में उद्घाटन होने के साथ पहली यूनिट 660 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा।एनयूपीपीएल ने सीईओ संतोष सीएस ने बताया कि 17,237.25 करोड़ रुपए की लागत से 3 यूनिटों का निर्माण कार्य चल रहा था। कोरोना काल के चलते पावर प्लांट की लागत में 2000 करोड़ रुपए बढ़ गई है। पावर प्लांट सुपर क्रिटिकल तकनीक की 660 मेगावाट क्षमता वाली तीन यूनिटों का निर्माण कार्य कर रही है। इस प्लांट में बिजली उत्पादन के लिए 80 लाख क्यूसेक पानी की जरूरत होगी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की बंदिशों के चलते पावर प्लांट के लिए जला पूर्ति यमुना नदी से नहीं हो सकती थी। इस वजह से बिधनू के पास स्थित निचली रामगंगा नहर से पानी लिया जाएगा। यहां पर पावर प्लांट के द्वारा 49.5 किमी लंबी पाइप लाइन बिछाई गई है। निचली राम गंगा नहर को 80 लाख क्यूसेक पानी के एवज में कंपनी 10 वर्ष तक प्रतिवर्ष 6 लाख रुपए प्रति क्यूसेक की दर से रॉयल्टी अदा करेगा। परियोजना को दिए जाने वाले नहर के जल के किसी अन्य प्रयोग पर रोक लगाई गई है। एनयूपीपीएल पावर प्लांट के आवासीय परिसर में सिंचाई विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराएगा। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता व अवर अभियंता एवं विभागीय उच्चाधिकारियों को आफ टेक पंप हाउस एवं उपकरणों के निरीक्षण का अधिकार होगा।बिधनू स्थित रामगंगा नहर से नेयवेली पावर प्लांट तक पानी पहुंचाने के लिए लगभग 49.5 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाई गई है। यह पाइप लाइन कानपुर सागर हाईवे के किनारे से प्लांट तक डाली गई है। पावर प्लांट के सीईओ संतोष सीएस के मुताबिक बिधनू के रामगंगा नहर से पावर प्लांट तक पाइप लाइन बिछाने में लगभग 800 करोड़ रुपए की लागत आई है। पावर प्लांट के सीईओ संतोष सीएस ने बताया कि पहली यूनिट का बिजली उत्पादन ट्रायल शुरू हो चुका है। आगामी सितंबर महीने से उद्घाटन के साथ बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। प्लांट में एक दिन में सात से आठ हजार टन कोयले की खपत होगी। यूनिट शुरू होने के बाद रोजाना तीन ट्रेन कोयला मंगाया जायेगा। अभी दो लाख टन कोयला स्टॉक में रखा गया है।