
संवाददाता
कानपुर। उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में हुई बर्फबारी का असर अब मैदानी इलाकों में भी दिखने लगा है। कानपुर का मौसम भी बदला-बदला नजर आया। आसमान पर काले बादल छाए रहे और हल्की बूंदाबांदी के साथ ठंडी हवाओं ने लोगों को अक्टूबर की शुरुआत में ही ठंड का अहसास करा दिया। नमी भरी हवाओं ने शहर के तापमान में गिरावट ला दी है।
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक प्रो. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि बुधवार को अधिकतम तापमान 28.9 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 21.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
सुबह के समय अधिकतम आर्द्रता 88 प्रतिशत और न्यूनतम 61 प्रतिशत रही, जबकि हवा की औसत गति 3.5 किलोमीटर प्रति घंटा उत्तर-पश्चिम दिशा से दर्ज की गई। पिछले 24 घंटे में शहर में 5.8 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, गुरुवार को भी आसमान में हल्के बादल छाए रहेंगे। दोपहर बाद कुछ इलाकों में गरज-चमक के साथ हल्की वर्षा होने की संभावना है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट दर्ज की जा सकती है।
अक्टूबर के पहले हफ्ते में ही जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचे इलाकों में भारी बर्फबारी दर्ज की गई है। गुलमर्ग, सोनमर्ग, मनाली, बद्रीनाथ, केदारनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे स्थानों पर बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है।
समय से पहले हुई बर्फबारी ने मैदानी इलाकों के तापमान को भी प्रभावित किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि पहाड़ों में जारी बर्फबारी का असर अगले कुछ दिनों तक मैदानी इलाकों के मौसम पर बना रहेगा।
गुरुवार को दिन के दौरान हल्की धूप निकलने के आसार हैं, लेकिन शाम होते-होते फिर से बादल छा जाएंगे और हवाओं का रुख ठंडा बना रहेगा।






