January 17, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर।
  काकादेव में रहने वाले महबूब मलिक बचपन से पढ़ाई करना चाहते थे। शहर के पीपीएन इंटर कॉलेज से हाई स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे। उस समय आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी थी। इसके बाद अनुराग चौराहे के पास काकादेव में एक चाय की दुकान सड़क पर शुरू की और उसी से परिवार चलाने लगे। लेकिन महबूब मलिक ने यह ठान लिया कि वह खुद शिक्षा हासिल नहीं कर सके, लेकिन  नन्हें बच्चों तक शिक्षा जरूर पहुंचाएंगे।
महबूब मलिक विपरीत परिस्थितियों के चलते अपनी शिक्षा पूरी नहीं कर सके, तो अब उन्होंने हजारों बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा उठाया है। चाय बेचकर बच्चों को फ्री में पढ़ाने वाले महबूब को राज्यपाल सम्मान से नवाजा जा चुका है। उन पर बच्चों को पढ़ाने और काबिल बनाने का जुनून इस कदर हावी हो गया कि उन्होंने मलिन बस्तियों में जाकर लोगों को शिक्षा के लिए जागरुक किया, फिर फ्री में उनके बच्चों के लिए शिक्षा का इंतजाम कराया। 
महबूब मलिक ने जब चाय की दुकान शुरू की तो सुबह-सुबह नन्हें बच्चे स्कूल जाते हुए दिखाई देते। उसी समय कुछ नन्हें बच्चे हाथों में बोरिया लेकर कूड़ा बीनते हुए नजर आते। यह देखकर महबूब मलिक ने सोचा कि कितना फर्क है इन बच्चों में। उनके काम तो अलग-अलग हैं, लेकिन उम्र तो एक ही है। अगर कूड़ा बीनते बच्चों की ये उम्र निकल गईं, तो वो फिर कभी नहीं पढ़ पाएंगें।
इस उद्देश्य के साथ उन्होंने अपने नए लक्ष्य की शुरूआत की। सन् 2014 में सबसे पहले उन्होंने सड़क के किनारे फुटपाथ पर बस्तियों में छोटे-छोटे बच्चों को पढ़ना शुरू किया। इसके लिए चाय की दुकान से समय निकालकर शहर की अलग-अलग बस्तियां में जाकर और सड़क पर कूड़ा उठाने वाले बच्चों को ढूंढकर, उन्हें पढ़ाई के मायने बताए। बच्चों को पढ़ाई और समय का महत्व बताया। फिर इस तरह उन्होंने पढ़ना शुरू किया।
इसके बाद अनुराग चौराहे के पास ही एक कमरा किराए पर लिया। कुछ बच्चों के लिए ड्रेस,कॉपी,किताब और बैग का इंतजाम किया और इस कमरे में दो टीचर के साथ खुद पढ़ाने का काम साल 2016 से शुरू किया। चाय की दुकान से जो कमाई होती थी, उसे नन्हें बच्चों की शिक्षा के लिए लगाता, तो कुछ लोग उनका हौसला देखकर मदद भी कर दिया करते थे।
शिक्षा के लिए जज्बा और हौसला देखकर 2017 में कुछ लोगों की मदद से मां तुझे सलाम सोशल फाउंडेशन बनाया। इसके बाद मां शारदा तुझे सलाम सोशल फाउंडेशन स्कूल छपेड़ा पुलिया शिवपुरी में बनाया। जहां वर्तमान में 125 बच्चे मुफ्त शिक्षा हासिल कर रहे हैं।
इन बच्चों के लिए ड्रेस, टाई, जूता, कॉपी-किताब से लेकर हर चीज मुफ्त व्यवस्था की जाती है। बच्चों को पढ़ाने के लिए पांच अध्यापिकाएं स्कूल में हैं। जिनमें शिक्षिकाए आकांक्षा पांडे, रानी, गुलब्जा, सोनम मिश्रा और शिक्षक विकास नन्हें बच्चों को शिक्षा देने का काम करते हैं। नर्सरी से लेकर कक्षा 5 तक इस विद्यालय में मुफ्त में बच्चों को शिक्षा दी जाती है। इसके बाद भी संस्था के द्वारा आगे की पढ़ाई के लिए अन्य स्कूलों में जाने के लिए बच्चों की मदद की जाती है।
अबतक तकरीबन 3000 बच्चों को शिक्षा देने का काम किया है। यहां से शिक्षा लेने वाले बच्चे शहर के बड़े-बड़े स्कूलों में शिक्षा हासिल कर रहे हैं। जिनमें महाराणा प्रताप, सरदार पटेल ,कानपुर विद्या मंदिर, रामलला मंदिर स्कूल, में यहां से निकले बच्चे पढ़ रहे हैं।