
संवाददाता
कानपुर। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और सपा के बीच शुरू हुए डीएनए विवाद पर सियासत तेज हो गई है। कानपुर कैंट से पूर्व भाजपा विधायक रघुनंदन भदौरिया ने समर्थकों के साथ अखिलेश यादव का पुतला फूंका। इस दौरान उन्होंने कहा कि पुतला दहन करके संदेश दे दिया गया है। अब अगर अखिलेश को सीख आती है तो ठीक। नहीं तो बांस घुसेड़ दिया जाएगा।
कैंट से सपा विधायक मोहम्मद हसन रूमी ने कहा कि पूर्व विधायक का मानसिक संतुलन खराब हो गया है। लगातार जनता द्वारा नकारे जाने के बाद सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए पीडीए के नेता अखिलेश यादव के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया जा रहा है।
सपा के कैंट विधायक ने कहा कि डीएनए के नाम पर जिस तरह से अखिलेश यादव के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया जा रहा है। हमारे नेता ने मृदु भाषा का प्रयोग करने और शांत रहने के लिए कहा है। अगर जरा भी हमारे नेता ने आह्वान कर दिया तो पता चल जाएगा कि किसका डीएनए क्या है।
वहीं गोविंद नगर से विधानसभा चुनाव लड़ चुके सपा नेता सम्राट विकास ने कहा कि आपने बांस का नाम लिया, हम बल्लम या लाठी कर सकते हैं। लेकिन हमारे दल और हमारे नेता ने इस तरह की भाषा शैली का प्रयोग करने की इजाजत नहीं दी है। आपको उसी भाषा में जवाब दे देंगे तो आपको भी तकलीफ होगी।
सम्राट विकास ने भाजपाइयों को चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह की दोबारा पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। वरना सपा कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर विरोध दर्ज कराएंगे। हम मांग करते हैं कि कैंट के पूर्व भाजपा विधायक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
सपा की मीडिया सेल ने शुक्रवार रात 8.44 बजकर एक पोस्ट किया। इसमें ब्रजेश पाठक पर निशाना साधते हुए उनके डीएनए पर तंज कसा गया। लिखा गया कि ब्रजेश पाठक का खुद का डीएनए सोनागाछी और जीबी रोड का है। उन्हें खुद नहीं पता कि उनका असली डीएनए क्या है, कहां का है और किसका है।
इस पर ब्रजेश पाठक भड़क गए। उन्होंने अखिलेश से सवाल पूछा। अखिलेश जी, ये आपकी पार्टी की भाषा है? किसी के दिवंगत माता-पिता के लिए शब्दों का ये चयन है? क्या डिंपल जी इस स्त्री विरोधी और पतित मानसिकता को स्वीकार करेंगी? सोचिएगा।
इस मामले में फिर अखिलेश यादव की एंट्री हुई। अखिलेश ने डिप्टी सीएम पाठक को नसीहत दी। जवाब में पाठक ने भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि सपा को समाजवाद पढ़ना चाहिए। अगर किताबें न हो तो मैं भेज दूं।
इस मामले में सोमवार को एक बार फिर से ब्रजेश पाठक ने सीधे अखिलेश पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा- अखिलेश की राजनीति मुस्लिम तुष्टिकरण से है। यही उनकी दाल-रोटी है।
ब्रजेश पाठक बीते काफी समय से सपा के डीएनए पर सवाल उठाते रहे हैं। इसी पर सपा के मीडिया सेल ने सीधे ब्रजेश पाठक के ही डीएनए पर सवाल उठाते हुए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। सपा मीडिया सेल की ओर से लिखा गया कि सुनो मिस्टर मिनिस्टर तुम्हारा डीएनए पहले कांग्रेसी था, फिर बसपाई हुआ, फिर तुमने सपा में आने का प्रयास किया। लेकिन लिए नहीं गए, क्योंकि तुम्हारा डीएनए खराब था। इसीलिए तुम फ्रस्टेटेड हो और सबका डीएनए खराब बता रहे हो।
इसके जवाब में ब्रजेश पाठक के समर्थकों और भाजपा के कार्यकर्ताओं ने सपा की मीडिया सेल पर पलटवार किया। एक एक्स पोस्ट में भाजपा समर्थक ने लिखा डीएनए की बात करने वाले वही सपा वाले हैं, जिनकी पार्टी खुद परिवारवादी जेनेटिक मिक्सचर है, जहां टिकट, कुर्सी और सत्ता सब मुलायम टेस्ट से मिलती है। ब्रजेश पाठक का डीएनए तो जनता के लिए काम करता है, पर सपा का डीएनए तो दंगे, दरबार और दबंगों का है।
सपा ने इस हमले का जवाब देते हुए एक और पोस्ट में पाठक को घेरा। जिसमें लिखा गया कि जो रोजाना समाजवादी डीएनए पर प्रवचन देते थे, आज अपना डीएनए पूछते ही तिलमिला गए। पाठक जी, आप तो रोज समाजवादी पार्टी का चरित्र प्रमाण-पत्र बांटते थे। अब जब जनता ने आपसे पूछ लिया- आपका डीएनए क्या है? तो आपके चमचे और गुर्गे गुर्राने लगे?
इस बीच, भाजपा कार्यकर्ताओं ने सपा की इस टिप्पणी को नीच मानसिकता और अभद्र भाषा का उदाहरण बताते हुए कड़ी निंदा की।
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक पर टिप्पणी के मामले मे इंदिरानगर के रहने वाले अच्युत पांडेय ने लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई गई है। उन्होंने एफआईआर की मांग की है। वहीं, वकील केडी सिंह, स्वीटी पांडेय समेत कई अधिवक्ताओं ने हजरतगंज थाने पहुंचकर इंस्पेक्टर को शिकायती पत्र दिया है। वकील चारू मिश्रा ने वजीरगंज कोतवाली में केस दर्ज कराया है।