December 27, 2025

संवाददाता

कानपुर।  हैलट अस्पताल में मरीजों को गुमराह करके प्राइवेट संस्थानों में ले जाने वाले दलालों का रैकेट लगातार बढ़ता जा रहा है। अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ. संजय काला ने संदिग्ध रूप से इमरजेंसी में घूम रहे एक दलाल को दबोच लिया।
प्रिंसिपल के साथ मौजूद स्टाफ ने जब आरोपी की तलाशी ली तो उसके बैग से ब्लड सैंपल, स्टेथोस्कोप, मरीजों के पर्चे, कुछ दवाइयां और इस तरह की अन्य चीजें बरामद हुई । इसके बाद प्रिंसिपल ने तत्काल पुलिस बुलाकर आरोपी को सौंप दिया। पूछताछ में पता चला कि दलाल मरीजों और उसके परिवार वालों को सस्ती जांच और दवाओं का लालच देकर ले जाता था। बाहर से जांच करवाने को मजबूर करता था।
जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर डा. संजय काला अपनी टीम के साथ मेडिकल कालेज के लाला लाजपत राय चिकित्सालय के निरीक्षण पर निकले थे। वह इमरजेंसी में मरीजों का हालचाल ले रहे थे और व्यवस्थाएं जांच रहे थे।
तभी उन्हें संदिग्ध रूप से बैग लेकर घूमता युवक नजर आया। जब उन्होंने आरोपी युवक को बुलाकर पूछताछ की तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। पहले उसने बताया कि वह किसी परिचित को देखने आया है। इसके बाद वह खुद को फिजियोथैरेपिस्ट बताने लगा। जिसके बाद उसके ऊपर संदेह और ज्यादा बढ़ गया।
हैलट में संदिग्ध रूप से घूम रहे युवक ने खुद को फिजियोथैरेपी का स्टूडेंट बताया। जिसके बाद उसने अपनी एचओडी को फोन करके प्रिंसिपल डा. काला की बात कराई। लेकिन एचओडी ने बताया कि उन्होंने उसे मेडिकल कालेज में नहीं भेजा है। अगर कुछ संदिग्ध है तो तत्काल कार्रवाई की जाए।
एचओडी से बात के बाद प्रिंसिपल और ज्यादा भड़क उठे और उन्होंने आरोपी से पूछताछ की। जिसमें आरोपी ने कई संदिग्ध लोगों के नाम बताए, जो उसके साथ काम करते हैं। इस दौरान आरोपी ने अपने साथियों को बुलाने के लिए उन्हें फोन भी किया, लेकिन कोई भी उसके पास नहीं आया। जिसके बाद आरोपी को पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया।
आरोपी के पास से एक बैग बरामद हुआ, जिसमें ब्लड सैंपल, दवाइयां, पर्चे और अन्य चीजें बरामद हुई। इसके साथ ही उसके मोबाइल फोन की जांच करने पर पता चला कि उसमें कई लोगों से बातचीत है, जिससे यह पता चल रहा था कि आरोपी मरीजों को लाने ले जाने के लिए कमीशन बेस पर काम करता था।
प्रिंसिपल डा. संजय काला ने बताया कि उन्हें पिछले काफी दिनों से जानकारी मिल रही थी कि हैलट में कुछ लोग अवैध रूप से घूमते हैं। यह दलाल किस्म के लोग हैं, जो गांव देहात से आने वाले भोलेभाले मरीजों को गुमराह करके प्राइवेट अस्पताल और प्राइवेट पैथालॉजी लैब में ले जाते हैं। इसके बदले में उन्हें मोटा कमीशन मिलता है।
उन्होंने बताया कि मेडिकल कालेज के अंदर सरकार की ओर से इलाज और दवाइयां पूरी तरह से फ्री है। लेकिन आरोपी मरीजों को गुमराह करते हैं और प्राइवेट अस्पताल में ले जाते हैं। आज जब वह राउंड पर निकले तो ऐसा ही एक दलाल उन्हें नजर आया। संदिग्ध लगने पर जब उसकी जांच की गई तो उसके पास से कई चीजें मिली। जिसके बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया है।
डीसीपी सेंट्रल श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि आरोपी से पूछताछ की जा रही है। उसके मोबाइल की भी जांच हो रही है, जिससे कि मरीजों को ठगने वाले नेटवर्क का पूरा पता लगाया जा सके। उन्होंने बताया कि जांच के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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