कानपुर। नगर से सटे सेमरुआ और बेहटा गांव में आतंक मचाने और तीन ग्रामीणों को घायल करने वाले जंगली जानवर की पहचान आदमखोर सियार के रूप में हो गयी है। गांव वालों की शिकायत पर वन विभाग की टीम ने गांव में उसको पकडने के लिए डेरा डाल दिया है। गौरतलब है कि सियार ने गांव के बच्चों, बुजुर्ग और महिलाओं पर हमला किया। बच्चों को घसीटकर जंगल की ओर ले जाने का प्रयास किया। जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की टीम गांव पहुंच गई और हमलावर सियार की तलाश में कॉम्बिंग शुरू कर दी है।नरवल के सेमरुआ और बेहटा सकत में एक सियार ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन गया है। मंगलवार देर शाम नरवल क्षेत्र के ग्राम सेमरुआ में रहने वाले जगरूप के 10 साल के बेटे शानू पर हमला कर दिया और उसे खींचकर जंगल की ओर ले जाने का प्रयास किया। बच्चे की चीख सुन परिवार के लोग लाठी-डंडा लेकर दौड़े तो सियार जंगल की तरफ भाग निकला। अमर सिंह के बेटे राम बहादुर और बेहटा सकत निवासी रामकिशोर (50) पर भी हमला किया। तीनों के गंभीर चोट आई है।ग्रामीणों की मानें तो हमला करने वाला जंगली सियार है। जंगल से ग्रामीण आबादी में घुस आया है और लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। मामले की जानकारी मिलते ही कानपुर वन विभाग की टीम नरवल पहुंच गई और सियार को पकड़ने के लिए कॉम्बिंग शुरू कर दी है।गांव में टीम के साथ पहुंचे रेंजर अनिल सिंह ने बताया- जंगली जानवर कौन सा है अभी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। कुछ लोगों ने एक वीडियो भी बनाया है। वीडियो में दिख रहा जानवर सियार जैसा लग रहा है। लेकिन जिस तरह से ग्रामीणों पर हमला किया गया है, उससे तो आशंका है कि गांव में लकड़बग्घा घुस आया हो। फिर भी जंगली जानवरों को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने कॉम्बिंग शुरू कर दी है।जंगली जानवर के हमले की दहशत से नरवल क्षेत्र के रोशनपुर, खवाजगीपुर, मंधना, बांबी, गढ़ी गांवों के किसान खेतों पर नहीं जा रहे हैं। घायलों का उपचार कराया गया है। वहीं, क्षेत्रीय लेखपाल शैलेंद्र कुमार ने बताया कि जंगली जानवर के हमले से 3 लोग घायल हुए हैं।हमले के बाद नरवल क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है। शाम के बाद किसी भी बच्चे को बाग या जंगल की ओर नहीं जाने दिया जाए। गांव के लोगों में भी दहशत का माहौल है।