June 20, 2025

संवाददाता
कानपुर। 
शहर में अवैध विज्ञापनों पर सख्ती शुरू हो गई है। नगर निगम अधिकारियों से मिली भगत करके राजस्व का चूना लगाने वालों की कमर तोड़ने की तैयारी शुरू हो गई है। नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने बताया कि जल्द ही ग्लोबल टेंडर के लिए निविदा जारी की जाएगी। जिसमें देश-विदेश के किसी भी कोने से कंपनियां शामिल हो सकेगी। उन्होंने बताया कि लखनऊ की अपेक्षा कानपुर विज्ञापन से राजस्व एकत्र करने में बहुत पीछे है। इस वित्तीय वर्ष में 15 करोड़ रुपए राजस्व विज्ञापन के मद से एकत्र करने का लक्ष्य तय किया गया है।
नगर निगम विज्ञापन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 3.23 करोड़ की आय की थी, जबकि प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विज्ञापन से हर साल 12 करोड़ की आय हो रही है। इसको लेकर पिछले दिनों महापौर प्रमिला पांडेय और नगर आयुक्त ने नाराजगी भी जताई थी। प्रभारी विज्ञापन ने बताया कि आय वृद्धि के लिए हम ग्लोबल टेंडर प्रक्रिया अपना रहे हैं। नगर निगम को हर साल 15 करोड़ तक की आय हो सकती है। उन्होंने बताया कि 52 बस शेल्टर से 72 लाख की आय हो रही है।
इसी तरह ट्रैफिक आईलैंड से 21 लाख का टेंडर आया है। रूफ टॉप प्राइवेट विज्ञापनों से 1.25 करोड़ की सालाना आय है, लेकिन इन सबके बावजूद लखनऊ की अपेक्षा एक चौथाई ही आय नगर निगम को प्राप्त हो रही है। अधिकतर विज्ञापन अवैध रूप से ही लगाए जा रहे हैं। इस पर सख्ती करते हुए नगर आयुक्त ने ग्लोबल टेंडर प्रक्रिया अपनाने के साथ ही 15 करोड़ रुपये आय एकत्र करने का लक्ष्य दिया है।
शहर में विज्ञापन प्रदर्शित करने के मामले में पिछले दिनों बड़ी गड़बड़ी सामने आई थी। नगर निगम की ओर से रजिस्टर्ड एजेंसी मेसर्स एक्सिलेंट इंटरटेनमेंट नेटवर्क्स ने वित्तीय वर्ष 2022-23 से लेकर 2024-25 तक विज्ञापन तो शहर में प्रदर्शित किए, लेकिन उसके एवज में वसूली गई धनराशि नगर निगम कोष में जमा ही नहीं की।
यही नहीं एजेंसी कई वर्षों से बिना अनुमति व नवीनीकरण के ही यूनीपोल और यूरिनल पर विज्ञापन प्रदर्शित करके पैसा डकारती रही। मंडलायुक्त के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने मामला पकड़ा। नगर निगम प्रभारी अधिकारी विज्ञापन ने बताया कि कंपनी की 6.46 करोड़ रुपए की हेरफेर सामने में आई। इसके बाद पिछले सप्ताह बैठक कर महापौर ने मामले में जानकारी मांगी तो कोई अधिकारी जवाब तक नहीं दे पाया। 

नगर निगम सीमा में स्वीकृति के बिना प्रमुख चौराहों पर 50 मीटर के अंदर यूनीपोल स्थापित किए गए, जो पूरी तरह से प्रतिबंधित है। यूनीपोल और विज्ञापन संरचना के पोल पर पोस्टर व पम्फलेट्स चस्पा किए जाते हैं। नियम है कि पोल की ऊंचाई 6.2 मीटर व चौडाई 12.4 मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। दो स्थापित विज्ञापनों पटो के बीच की दूरी 20 मीटर से कम नहीं होगी।
यूनीपोल लगाए जाने की दशा में दो यूनीपोल के बीच की दूरी 50 मीटर से कम नहीं होगी। दृढता संबंधी रिपोर्ट व संरचना का बीमा अनिवार्य है, लेकिन कोई भी नियम एजेंसियों द्वारा नहीं माने जाते थे। नगर आयुक्त की सख्ती से इस पर अब रोक लगेगी।