December 8, 2025

संवाददाता

कानपुर। पिछले तीन दिनों से हो रही बेमौसम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। इस बारिश से धान की खड़ी फसल को भारी नुकसान हो रहा है, जिससे किसान आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। मौसम में अचानक बदलाव के कारण लगातार बारिश हो रही है।
आज सुबह से भी कई क्षेत्रों में पानी गिरना जारी है, जिससे खेतों में पानी भर गया है और धान की फसल चौपट होने की कगार पर है।किसानों का कहना है कि इस साल धान का उचित भाव पहले से ही नहीं मिल रहा था। अब बेमौसम बरसात ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
खेतों में कटी हुई या खड़ी धान की फसल के सड़ने की आशंका है।साखरेज के किसान अनुज शुक्ला और ऋषिकांत तिवारी ने बताया कि इस बेमौसम बारिश से किसानों को भारी नुकसान होगा। वहीं, जिंदपुर के किसान आशुतोष शुक्ला ने कहा कि पहले से ही धान का कोई भाव नहीं मिल रहा है, और अब इस पानी से खेत में ही फसल के सड़ने की संभावना है।किसानों का कहना है कि वे दोहरी मार झेल रहे हैं – एक तरफ कम दाम और दूसरी तरफ प्राकृतिक आपदा। इससे उनकी आर्थिक स्थिति और खराब हो रही है। 

शिवराजपुर ब्लॉक में पिछले चार दिनों से हो रही बेमौसम बारिश के कारण किसानों की पक्की धान की फसल बर्बाद हो रही है। इस बारिश से किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

किसानों ने इस बार धान की अच्छी उपज की उम्मीद की थी, और शुरुआती तौर पर फसल भी काफी अच्छी हुई थी। खेतों में खड़ी पक्की फसल कटाई के लिए तैयार थी, लेकिन अचानक हुई बारिश ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

लगातार बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है, जिससे धान की बालियां गलने लगी हैं। कई जगहों पर फसल गिर गई है, जिससे कटाई करना भी मुश्किल हो गया है। किसानों का कहना है कि इस नुकसान से उनकी आर्थिक स्थिति पर गंभीर असर पड़ेगा।

मंगलवार शाम से रेउना और घाटमपुर तहसील क्षेत्र में रुक-रुक कर हुई बारिश और तेज हवाओं ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। इन मौसमी बदलावों के कारण धान और बाजरे की फसलें खेतों में गिर गई हैं, जिससे भारी नुकसान की आशंका है।

रूपनगर, घुघुवा, बक्सरा, कटरी, काटर और गढ़ोलामऊ जैसे कई क्षेत्रों में धान और बाजरे के खेतों में पानी भर गया है। जलभराव के कारण फसलों को गंभीर क्षति पहुंचने का अनुमान है। तेज हवाओं से पकने को तैयार खड़ी धान की बालियां झुक गई हैं, जिससे उनके जमीन पर गिरकर खराब होने का खतरा बढ़ गया है।

किसान कल्याण सिंह, राम प्रसाद, प्रमोद, विपिन और पप्पू ने बताया कि धान की फसल कटाई के करीब थी। अचानक हुई बारिश से खेतों में पानी भर गया है और फसल की बालियां पानी में डूबने से उत्पादन प्रभावित होगा। इसी तरह, बाजरे की फसल में नमी बढ़ने से दाने काले पड़ने की आशंका है।

किसानों का कहना है कि लागत लगाकर मेहनत से तैयार की गई फसल पर बारिश ने बड़ा झटका दिया है। इस प्राकृतिक आपदा से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।