
आ स. संवाददाता
कानपुर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के मटेरियल्स साइंस एण्ड इंजीनियरिंग विभाग ने नेशनल सिम्पोजियम ऑफ रिसर्च स्कॉलर्स ऑन मेटलर्जी एंड मैटेरियल्स का आयोजन किया।
आईआईटी कानपुर में मैटेरियल एडवांटेज, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेटल्स कानपुर चैप्टर और मैटेरियल साइंस सोसाइटी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एनएसआरएस-2025 में देश भर के संस्थानों का प्रतिनिधित्व करने वाले 85 से अधिक छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे धातुकर्म एवं पदार्थ विज्ञान में सहयोग, विचारों के आदान-प्रदान और प्रगति को बढ़ावा मिला।
इस कार्यक्रम की शुरुआत तीन पूर्व-सम्मेलन कार्यशालाओं से हुई, जिनका संचालन प्रतिष्ठित शोधकर्ताओं, आईआईटी बॉम्बे के प्रो. एम.पी. गुरुराजन, आईआईटी जोधपुर के प्रो. रवि के.आर. और आईआईटी कानपुर के प्रो. सौम्या श्रीदार ने किया। इन सत्रों में छात्रों और शैक्षणिक समुदाय की महत्वपूर्ण भागीदारी रही, जिससे एक आकर्षक संगोष्ठी का मंच तैयार हुआ।
उद्घाटन समारोह में आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल, डीन ऑफ रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट आईआईटी कानपुर प्रो. तरुण गुप्ता, एमएसई विभाग के प्रमुख प्रो. कांतेश बलानी और एनएसआरएस-2025 के संयोजक डॉ. अरुणभ मेश्राम सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। कार्यक्रम की शुरुआत एमएसई विभाग के प्रभावशाली शोध और उन्नत सुविधाओं पर प्रकाश डालने वाले एक वीडियो प्रेजेंटेशन के साथ हुई।
उपस्थित लोगों का स्वागत करते हुए प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने प्रतिभागियों को प्रेरित किया और उन्हें सार्थक अकादमिक सहयोग के लिए मंच का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।
डॉ. अरुणभ मेश्राम ने युवा शोधकर्ताओं के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में संगोष्ठी की भूमिका पर जोर दिया। प्रो. कांतेश बलानी ने सभ्यताओं के विकास में सामग्रियों के महत्व और समकालीन शोध में उनकी प्रासंगिकता पर एक व्यावहारिक भाषण दिया। प्रो. तरुण गुप्ता ने शोध की गुणवत्ता बढ़ाने में इस तरह की संगोष्ठियों के महत्व पर प्रकाश डाला और स्कॉलरों को आईआईटी कानपुर में पोस्ट-डॉक्टरल अवसरों को प्राप्त करने के लिए आमंत्रित किया। सत्र का समापन एनएसआरएस-2025 एब्सट्रैक्ट पुस्तिका के अनावरण के साथ हुआ।
संगोष्ठी में प्रतिष्ठित विशेषज्ञों, आईआईटी बॉम्बे के प्रो. एम.पी. गुरुराजन, आईआईटी कानपुर के प्रो. अनुराग गुप्ता, आईआईटी मद्रास के प्रो. रवि कुमार एन.वी. और आईआईटी कानपुर के प्रो. राजीव शेखर द्वारा वार्ता, पोस्टर प्रस्तुतियाँ और चार पूर्ण व्याख्यान शामिल थे। इन सत्रों में विरूपण के परमाणु मॉडलिंग, भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों के पीछे वैज्ञानिक सिद्धांत, आणविक अग्रदूत-आधारित कार्यात्मक डिजाइन और अनुसंधान में उद्यमी मानसिकता सहित विविध विषयों पर चर्चा की गई।
यह कार्यक्रम श्रुति अग्निहोत्री, अमन, श्रुति, अनुपम और अन्य छात्र समन्वयकों के समर्पित प्रयासों से सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें प्रो. शिवम, प्रो. नीरज और प्रो. श्रीनु के साथ-साथ संकाय सदस्यों, कर्मचारियों और संस्थान प्रशासन का बहुमूल्य सहयोग भी शामिल था।