आ.स. संवाददाता
कानपुर। एक अति जटिल गर्भावस्था के मामले में नगर की एक गर्भवती महिला के पेट में उसके बच्चे से भी बड़ा ट्यूमर पल रहा था। नगर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर न सिर्फ महिला की जान बचाई, बल्कि महिला की बच्चेदानी और उसके आठ माह के गर्भ में पल रहे बच्चे को भी सुरक्षित रखा।
गर्भवती महिला का इलाज करने वाली मेडिकल कॉलेज की स्त्री एवं प्रस्तुति रोग विभाग की डॉ. नीना गुप्ता ने बताया कि नवजात बच्चे का वजन सिर्फ दो किलो था, लेकिन महिला के पेट में ट्यूमर का वजन 5 किलो था। इतने बड़े ट्यमूर की वजह से ही बच्चे के दिमाग व शरीर में रक्त संचार ठीक तरह से नहीं हो पा रहा था। इतनी गंभीर स्थिति होने की वजह से गर्भस्थ बच्चे के विकास में बाधा उत्पन्न हो रही थी।
नगर में इलाज करवा रही कन्नौज के इंदरगढ़ निवासी 27 वर्षीय महिला ने गर्भवती होने पर पास के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बहुत दिनों तक इलाज कराया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हुई जाँच पर पता चला कि पेट में ट्यूमर भी है। ऐसे में वहां के डॉक्टरों ने महिला को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया।
कन्नौज से आठ माह की गर्भवती को लेकर परिजन 4 अक्टूबर को मेडिकल कालेज पहुंचे और यहां पर वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. नीना गुप्ता की देखरेख में भर्ती करा दिया। डॉ. गुप्ता ने अपनी देखरेख में उपचार शुरू किया और जांचे कराई तो पता चला कि गर्भवती के बच्चेदानी के निचले हिस्से की तरफ बड़ा ट्यूमर था और साथ ही वह आठ माह की गर्भवती भी थी। गंभीर स्थिति होने के कारण ऐसे में दोनों की जान बचाना काफी चुनौती का काम था।
इतना जटिल मामला होने के कारण किसी भी गंभीर समस्या के लिए आईसीयू में एक बेड रिजर्व भी कराया गया था। इसके बाद डॉ. नीना गुप्ता की टीम में डॉ.दिव्या गुप्ता, डॉ.फातिमा अस्मानी, एनेस्थिसियन डॉ.शिवानी व डॉ.करन ने एक घंटे से अधिक समय में महिला का ऑपरेशन किया था। महिला के पेट के टांके काटने के बाद उसकी छुट्टी कर दी गई।