
संवाददाता
कानपुर। जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना के अंतर्गत जिला स्वास्थ्य समिति की शाखा-निकाय की बैठक सम्पन्न हुई।
बैठक में राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, पुनरीक्षित क्षय नियंत्रण कार्यक्रम, परिवार कल्याण कार्यक्रम, जननी सुरक्षा योजना, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन, नियमित टीकाकरण कार्यक्रम आदि कार्यों की समीक्षा की गई।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि आशा कार्यकर्ताओं के समस्त भुगतान प्रत्येक माह की 10 तारीख तक सुनिश्चित किए जाएं। जिला कार्यक्रम प्रबंधक को निर्देशित किया गया कि बाउचर समय से जमा न करने वाली आशा कार्यकर्ताओ की सूची तैयार कर आगामी बैठक में प्रस्तुत करें एवं उनके विरुद्ध नोटिस जारी करें।
आशा कार्यकर्ताओं के भुगतान में देरी एवं कार्यों में लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम प्रबंधक योगेन्द्र कुमार के कार्यों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित करने के निर्देश दिए।
उक्त समिति में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, वित्त एवं लेखा अधिकारी तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी को नामित किया गया है। समिति को निर्देशित किया गया है कि 10 दिनों के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
यदि लापरवाही की पुष्टि होती है, तो संबंधित डीसीपीएम के विरुद्ध नोटिस जारी करते हुए सेवा समाप्ति की कार्यवाही प्रारंभ किए जाने के निर्देश दिए।
साथ ही, डीसीपीएम के कार्यों की नियमित समीक्षा न करने के कारण जिला कार्यक्रम प्रबंधक डीपीएम अश्वनी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के भी निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पूर्व में निर्देशित किया था कि 1 जनवरी 2025 से अब तक किए गए सभी स्थानांतरण की सूची कारण सहित बैठक में प्रस्तुत करें, किंतु ऐसा नहीं किया गया, जो संदेहास्पद है। इस पर जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पारित किया गया।
टीबी कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा कि एनजीओ को अब तक भुगतान क्यों नहीं किया गया। राज्यपाल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में इस पर असंतोष व्यक्त किया गया था। जिलाधिकारी ने इस विषय में मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा जिला क्षय रोग अधिकारी से स्पष्टीकरण तलब करने के निर्देश दिए हैं।